दोनों धड़ों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे सुले का भाषण प्रभावित हुआ। इस पर सुले ने दोनों समूहों के कार्यकर्ताओं को शांत किया। नारेबाजी खत्म होने पर सुले ने अपना भाषण जारी रखा और पार्टी कार्यकर्ताओं के इस व्यवहार के लिए उन्हें फटकार लगाई।