सुशांत रोहिल्ला खुदकुशी मामले में एमिटी से जवाब तलब

सोमवार, 5 सितम्बर 2016 (15:21 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नोएडा के एमिटी विश्वविद्यालय के छात्र सुशांत रोहिल्ला खुदकुशी मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब तलब किया। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह संदेह बरकरार है कि क्या सुशांत का उत्पीड़न तो नहीं हुआ? पीठ ने इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन को न्याय-मित्र बनाते हुए कहा कि इस केस की सुनवाई इसलिए भी जरूरी है कि अगर कहीं कोई कमी हो तो उसे दूर किया जा सके ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
उल्लेखनीय है कि सुशांत विधि स्नातक का तीसरे वर्ष का छात्र था। उपस्थिति कम होने पर उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। गत 10 अगस्त को सुशांत ने घर में खुदकुशी कर ली थी। उसके दोस्त की चिट्ठी पर इस मामले में न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।
 
सुशांत के दोस्त ने मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में एमिटी प्रशासन के खिलाफ मामला चलाने की मांग की थी। दिल्ली के सरोजनी नगर निवासी सुशांत नोएडा सेक्टर-125 स्थित एमिटी विश्वविद्यालय में विधि स्नातक के तीसरे वर्ष का छात्र था। प्रशासन ने कथित तौर पर उपस्थिति कम होने के कारण परीक्षा से उसे वंचित कर दिया था।
 
मानसिक तौर पर टूट जाने के बाद उसने अपने घर में ही बीते गत 10 अगस्त को ग्रिल से लटकर फांसी लगा ली थी। पुलिस और परिजनों ने मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया था, जिसमें सुशांत ने अपने परिजनों को लिखा था कि वह उनकी आशाओं पर खरा नहीं उतर सका। इसके लिए उसे माफ कर दिया जाए। उसने लिखा था कि इसके लिए प्रबंधन भी जिम्मेदार है। (वार्ता)

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