उन्होंने बताया कि लेकिन रविवार सुबह जब उनके शिष्यों और सहयोगियों ने उन्हें टेलीविजन पर पुलवामा घटना से जुड़े समाचार की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया, तब वे शांत हो गए और कुछ देर बाद वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने जब यात्रा स्थगित करने का अनुरोध किया तो शंकराचार्य ने कहा कि वे देश के साथ हैं।
उनके मुताबिक कि शंकराचार्य ने कहा कि यद्यपि श्रीराम जन्मभूमि के संदर्भ में उन्होंने जो निर्णय किया है वह सामयिक और आवश्यक है, लेकिन देश में उत्पन्न हुई इस आकस्मिक परिस्थिति के मद्देनजर उन्होंने कुछ समय के लिए यात्रा स्थगित करने का निर्णय किया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में की गई घोषणा के मुताबिक जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को 17 फरवरी को प्रयागराज से रामाग्रह यात्रा प्रारंभ करनी थी। स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन्हें बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था और शनिवार को वे काशी के केदार घाट स्थित श्री विद्यामठ चले आए थे और रामाग्रह यात्रा के लिए रविवार को प्रयागराज आने वाले थे। (भाषा)