नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के पहले कुछ पाबंदियों को सख्ती से लागू किया गया था। इंटरनेट, मोबाइल और लैंडलाइन फोन 4 अगस्त की मध्यरात्रि से बंद कर दिए गए थे। लेकिन पाकपरस्त अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी 4 अगस्त की रात्रि से 8 अगस्त की सुबह तक इसका इस्तेमाल करता रहा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्थानीय प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं थी कि गिलानी के घर का इंटरनेट बेरोकटोक काम कर रहा है। गिलानी ने जब कुछ ट्वीट्स किए, तब इस बात का पता चला। गृह मंत्रालय के निर्देश पर बाद में गिलानी समेत 7 अन्य कट्टरपंथियों के ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड कर दिए गए।