Tear gas shells fired : मणिपुर (Manipur) के इंफाल पूर्वी जिले में सुरक्षा बलों (Security forces) ने आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (IDP) के एक विरोध प्रदर्शन को समाप्त कराने के लिए गुरुवार को आंसू गैस के गोले दागे जिसके बाद आईडीपी और सुरक्षा बल के जवानों के बीच झड़पें हुईं। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि जिले के अकमपेट राहत शिविर में रह रहे लगभग 100 विस्थापितों ने विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास किया लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया जिसके बाद दोनों के बीच झड़पें हुईं। राहत शिविर में रहने वाले लोग हाथों में तख्तियां और बैनर लिए हुए थे तथा अपने पुनर्वास और राज्य में जातीय हिंसा को बंद करने के वास्ते समाधान की मांग कर रहे थे ताकि वे तेंगनौपाल जिले के मोरेह और अन्य क्षेत्रों में अपने घरों में लौट सकें।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मई 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 226 लोगों की जान जा चुकी है और 59,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। स्थानीय लोग भी इस झड़प में शामिल हो गए और उन्होंने सुरक्षा बलों पर पथराव किया।
प्रदर्शनकारी करीब 1 किलोमीटर तक रैली निकाल पाए थे कि सीआरपीएफ के जवानों सहित अतिरिक्त सुरक्षा बलों के पहुंचने के बाद उन्हें इंफाल पश्चिम जिले के सिंगजामेई में रोक दिया गया। झड़प में मारपीट होनें और चोटें लगने की खबरें हैं, लेकिन चोटिल लोगों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बुधवार को विधानसभा में कहा था कि राज्य में जातीय हिंसा के कारण 226 लोगों की मौत हो चुकी है। सिंह ने कहा था कि 59,000 से ज़्यादा विस्थापित फिलहाल राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं और हिंसा में 11,133 घरों को आग लगा दी गई।(भाषा)