उन्होंने बताया कि 6 दमकल वाहनों को घटनास्थल पर भेजा गया लेकिन आस-पास पानी का कोई स्रोत नहीं होने की वजह से आग पर काबू पाने के अभियान में देरी हुई। बाद में कुमलई नाले से पानी लाया गया लेकिन तब तक कई दुकानें खाक हो चुकी थीं। जिला अग्निशमन अधिकारी प्रदीप सरकार ने कहा कि बाजार के निकट जल का कोई स्रोत नहीं होने की वजह से आग पर काबू पाने के लिए पानी लाना काफी मुश्किल था।
उत्तर बंगाल विकास मंत्री रबीन्द्रनाथ घोष ने क्षेत्र का मुआयना किया और अधिकारियों से बातचीत की। तृणमूल कांग्रेस की स्थानीय विधायक मिताली रॉय भी घटनास्थल पर मौजूद थीं। घोष ने कहा कि मैं यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर आया हूं। घोष ने शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम को स्थिति के संबंध में सूचना दी और उनसे अपील की कि वे इस बाजार को धूपगुड़ी नगर निगम के हवाले करने के लिए कदम उठाएं। मौजूदा समय में यह जिला परिषद के अंतर्गत आता है।
मंत्री ने कहा कि करीब 150 दुकानें आग में जलकर खाक हो गईं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में दुकानदारों की हरसंभव मदद को तैयार है और जो दुकानें जली हैं, उनका पुनर्निर्माण किया जाएगा। पर्यावरणविदों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र के जलाशयों का अतिक्रमण हो गया है जिससे जल का संकट पैदा हुआ। (भाषा)