इसकी राह में पड़ने वाले गांव शेरसी, बड़ासू, तरसाली, जामू, खडिया, मैखंडा, व्यूंग, देवीधार, खुमेरा, नारायणकोटी, मस्ता एवं नाला होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से होते हुए गुजरी तो भक्तों ने भोले बाबा का फूलमालाओं से जोरदार स्वागत किया।