उत्तर प्रदेश की जेल डासना ने एक इतिहास रच दिया है। वर्तिका नन्दा का लिखा और निर्देशित यह गाना अब डासना का परिचय गान होगा। इस गाने को जेल की उसी ऐतिहासिक दीवार के सामने शूट किया गया है जिसे जेल के चार बंदियों ने 'तिनका तिनका डासना' की थीम पर बनाया था। 3डी पेंटिंग पर बनी यह दीवार जेल की जिंदगी की कहानी कहती है।
उन्होंने कहा कि अब मुलाकातें आसान होंगीं और गाने के थीम के मुताबिक ही जेल की सलाखों को पिघलाया जाएगा। 30 जून तक उप्र की 29 जेलों में आरओ का इंतजाम होगा ताकि बंदियों को शुद्ध पानी मिल सके। सभी जेलों में पीसीओ लगाने का भी इंतजाम होगा। इस मौके पर तिनका तिनका प्रोजेक्ट की तरफ से जेलमंत्री, जेल अधिकारियों और वर्तिका नन्दा द्वारा सभी गायकों को विशेष सर्टिफिकेट भी दिए गए।
दिन बदलेंगे यहां भी, पिघलेंगी ये सलाखें भी, ढह जाएंगी ये दीवारें, होंगी अपनी कुछ मीनारें, टूटे फिर भी आस ना, ये है अपना डा-सना– इस गाने के साथ यह जेल देश की सभी जेलों के बंदियों में उम्मीदें भरने का काम करेगी।
जेल के अधीक्षक शिव प्रकाश यादव, आरएस यादव, शिवाजी यादव और आनंद पांडे के विशेष सहयोग से डासना में इस गाने को शूट किया गया था। उत्तर प्रदेश जेलों के महानिरीक्षक देवेंद्र सिंह चौहान का इस योजना के साथ लगातार सहयोग रहा है।
इससे कुछ ही दिन पहले डासना की मुख्य दीवार को भी रिलीज किया गया था जो कि तिनका तिनका डासना की थीम पर आधारित है और देश की किसी भी जेल की अपनी तरह की पहली 3डी पेंटिंग है। यह पेंटिंग 10 साल तक ऐसी ही बनी रहेगी। इसे जेल के 4 बंदियों ने बनाया है। यह पेंटिंग जेल की जिंदगी की कहानी कहती है। दीवार के रिलीज के तुरंत बाद तिनका तिनका डासना का एक विशेष कैलेंडर भी रिलीज किया गया जिसके केंद्र में यह दीवार और यहां के गायक और कवि हैं।