थाना कोतवाली के कृष्णानगर क्षेत्र निवासी धर्मेन्द्र (33), पत्नी बबीता यादव (30), दो बच्चों वासु (6) और विशाखा (4) तथा पिता रामनरेश यादव सहित कृष्ण जन्मस्थान के दर्शन कर लौट रहे थे, तभी शुक्रवार को रात करीब 9 बजे भूतेश्वर रेलवे स्टेशन की पटरियां पार करते समय यह हादसा हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक धर्मेन्द्र ने पहले दोनों बच्चों को कैंटीन के सामने प्लेटफॉर्म नंबर दो पर चढ़ा दिया, फिर पिता को ऊपर चढ़ने में मदद की। वह जब तक पत्नी को प्लेटफॉर्म पर चढ़ाकर खुद चढ़ पाते, इससे पहले ही वे दोनों 140 किमी की गति से आ रही शताब्दी एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।
आंखों के सामने ही घटी घटना से पिता रामनरेश काफी समय तक अचेत रहे। बच्चों की चीखें सुन जब उन्हें होश आया तो किसी व्यक्ति अथवा सरकारी कर्मचारी को पास ना पाकर वे सीधे घर पहुंचे और रोते-बिलखते सारी घटना पड़ोसियों को बताई। इसके बाद पड़ोसियों ने जीआरपी तथा आरपीएफ को सूचना देकर बुलाया। इस बीच लगभग दो घंटे दोनों के शव पटरी पर ही पड़े रहे और ट्रेनें गुजरती रहीं। यह स्थिति देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।