बिहार : SHO और SI ने जज पर तानी बंदूक, हाईकोर्ट ने DGP को किया तलब

Webdunia
गुरुवार, 18 नवंबर 2021 (23:41 IST)
पटना। बिहार की एक कोर्ट में पुलिसकर्मियों ने एडीजे पर हमला कर दिया। हमले में उन्हें मामूली चोटें आई हैं। खबरों के मुताबिक एसएचओ और एसआई ने कोर्ट रूम में पहुंचकर बीच बहस के दौरान जज पर अचानक हमला कर दिया। घटना के पीछे क्या कारण रहा, इसकी जानकारी नहीं मिली है। बीच-बचाव करने गए 5 अन्य अधिवक्ता इस दौरान घायल हो गए। 
 
डीजीपी को किया तलब : मधुबनी जिला के एक न्यायाधीश के कक्ष में जबरन घुसकर पुलिसकर्मियों द्वारा बदसलूकी और हमले के प्रयास की घटना पर पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को तलब किया। मधुबनी जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पत्र के आलोक में पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के निर्देशानुसार न्यायमूर्ति राजन गुप्ता और न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। 
 
पीठ ने मामले में 29 नवंबर को अगली सुनवाई के दौरान डीजीपी से निजी तौर पर उपस्थित होने को कहा है। पीठ ने डीजीपी से इस सिलसिले में मामला दर्ज करने और की गयी कार्रवाई को लेकर सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।
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Good governance @NitishKumar
The enraged police officer and the sub-inspector entered the judge's cabin, slapped him and pointed a gun. ADJ I Avinash Kumar is famous for his decisions in Jhanjharpur Court of Madhubani. @RahulGandhi @priyankagandhi @LambaAlka @srinivasiyc pic.twitter.com/WA0cSmQey2

— Anup Dhote | अनुप धोटे (@Dhoteanup99) November 18, 2021 >
मधुबनी के प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा पटना हाईकोर्ट को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि गुरुवार को अपराह्न लगभग दो बजे घोघरडीहा थाना के प्रभारी गोपाल कृष्ण और अवर निरीक्षक अभिमन्यु कुमार शर्मा झंझारपुर में पदस्थापित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार के कक्ष में घुसकर उनके खिलाफ अपशब्द कहने लगे। न्यायाधीश अविनाश द्वारा विरोध करने पर दोनों पुलिसकर्मियों ने उनके साथ न केवल बदसलूकी की बल्कि हमला करने का भी प्रयास किया।
 
दोनों पुलिसकर्मियों ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर भी निकाल ली और न्यायाधीश पर हमला करने का प्रयास कर थे कि इसी बीच अदालत के कुछ कर्मचारी और अधिवक्ता के पहुंच जाने से न्यायाधीश की जान बच गई। 
 
हाईकोर्ट की पीठ ने प्रथमदृष्टया इस प्रकरण को न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा मानते हुए राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 29 नवंबर निर्धारित की है। मामले की सुनवाई के दौरान अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) अदालत में मौजूद थे।