क्योंकि उन्हें चुनाव में अपने लिए सुरक्षित सीट ढूंढ़ने में मुश्किल हो रही है, इसलिए उनकी मानसिक स्थिति आईसीयू में भर्ती किसी मरीज की तरह अस्थिर हो गई है।’ संपादकीय में कहा गया कि क्या चव्हाण के पास ‘पराजित’ राहुल गांधी से यह पूछने का साहस है कि प्रधानमंत्री पद की आकांक्षा रखने के लिए उनके पास क्या अनुभव था।