उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव : पहले चरण का रण कल

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017 (23:35 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के महत्वपूर्ण चुनावों में पहले चरण के लिए शनिवार को पश्चिमांचल के 15 जिलों की कुल 73 सीटों पर मतदान होगा। मुस्लिम बहुल इलाकों में होने वाले इस चरण के मतदान में कई राजनीतिक दिग्गजों के दमखम की परीक्षा होगी।
निर्वाचन आयोग के अनुसार पहले चरण के चुनाव में शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, एटा और कासगंज जिलों में की 73 सीटों पर कल सुबह सात बजे से मतदान शुरू होगा, जो शाम पांच बजे तक चलेगा।
 
पहले चरण के चुनाव में एक करोड़ 17 लाख महिलाओं समेत कुल दो करोड़ 60 लाख 17 हजार 81 मतदाता 77 महिलाओं समेत कुल 839 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कर सकेंगे। मतदान के लिए 14 हजार 514 केन्द्र तथा 26 हजार 823 मतदान स्थल बनाए गए हैं।
 
इस चरण में 5140 मतदान केन्द्रों को संवेदनशील माना गया है। स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए 826 कम्पनी केन्द्रीय बल तथा पुलिस के 8011 उपनिरीक्षक, 4823 मुख्य आरक्षी तथा 60 हजार 289 आरक्षियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा 2268 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 285 जोनल मजिस्ट्रेट तथा 429 स्टैटिक मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए हैं।
 
पहले चरण में मतदाताओं की संख्या के लिहाज से गाजियाबाद का साहिबाबाद सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है। वहीं एटा का जलेसर सबसे छोटा क्षेत्र है। आगरा दक्षिण सीट से सबसे ज्यादा 26 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं हस्तिनापुर से सबसे कम छह प्रत्याशी मैदान में हैं। राज्य में 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच सात चरणों में मतदान होगा।
 
पहले चरण में विभिन्न पार्टियों के कई छत्रपों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। नोएडा सीट पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका कैराना से, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा तथा कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर मथुरा सीट से तथा भाजपा के विवादास्पद विधायक संगीत सोम तथा सुरेश राणा क्रमश: सरधना और थाना भवन से चुनाव लड़ रहे हैं। 

भाजपा के पूर्व प्रान्तीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी (मेरठ), राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दामाद राहुल सिंह (सिकन्दराबाद) और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह (अतरौली) की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। इस चरण में ज्यादातर उन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा, जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इस चरण में वर्ष 2013 के दंगों का दंश झेलने वाले मुजफ्फरनगर एवं शामली के जिलों में भी मतदान होगा। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन क्षेत्रों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था।
 
पहले चरण का चुनाव खासकर बसपा अध्यक्ष मायावती और उनकी पार्टी के लिए ‘लिटमस टेस्ट’ जैसा होगा। मायावती इस बार चुनाव में दलित-मुस्लिम वोट बैंक पर भरोसा करके चुनावी नैया पार लगाने का मंसूबा बांध रही है।
 
मायावती ने इस बार कुल 403 में से सबसे ज्यादा 99 मुसलमानों को चुनाव का टिकट दिया है। पहले चरण का चुनाव यह तय करेगा कि बसपा की यह रणनीति कितनी कारगर होती है और क्या वह वर्ष 2012 के मुकाबले मुस्लिम वोट बैंक में और गहरी सेंध लगा पाती है या नहीं।
 
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुल 136 सीटों में से सपा को 58 और बसपा को 39 सीटें मिली थीं। यह देखने वाली बात होगी कि सपा पश्चिमांचल में वर्ष 2012 जैसी कामयाबी दोहरा पाएगी या नहीं।
 
पहले दो चरणों में मतदाताओं खासकर अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं का रझान मुस्लिम वर्ग के रख को तय कर सकता है। इससे तय हो जाएगा कि चुनावी मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है या भाजपा और बसपा के बीच अथवा यह त्रिकोणीय लड़ाई होगी। पहले चरण का चुनाव मुस्लिम बहुल इलाकों में हो रहा है, इसलिए असदउद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम भी असर डाल सकती है।
 
प्रदेश विधानसभा के पहले चरण का चुनाव जिन क्षेत्रों में होगा, उनमें से कई संवेदनशील हैं। मुजफ्फरनगर के 887 में से 600 मतदान केन्द्र संवेदनशील हैं। यहां पैनी नजर रखने के लिए वीडियो कैमरा लगाए गए हैं। वर्ष 2013 में दंगों से गुजरने वाले मुजफ्फरनगर तथा शामली में अर्धसैनिक बलों के करीब 6 हजार जवान तैनात किए गए हैं।
 
मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा है कि कैराना में जो भी लोग किन्हीं कारणों से पलायन कर गए हैं, अगर वे अपने क्षेत्र में वोट डालना चाहेंगे तो स्थानीय प्रशासन उन्हें पूरी सुरक्षा तथा मदद मुहैया कराएगा।
 
जैदी ने कहा कि शाम पांच बजे तक मतदान केन्द्र में पहुंचने वाले हर मतदाता को वोट डालने दिया जाएगा। चाहे इसके लिए निर्वाचनकर्मियों को कुछ देर ज्यादा ही क्यों ना काम करना पड़े। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान मतदाताओं में शराब का वितरण ना हो, इसके लिए आबकारी विभाग ने प्रदेश से जुड़ी अन्तरराज्यीय तथा नेपाल से सटी अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर चेक पोस्ट बनाए हैं।
 
जैदी ने कहा कि आयोग ने चुनाव से सम्बन्धित एक पुलिस प्रकोष्ठ गठित किया है जो व्हाट्सएप तथा अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर भेजे जाने वाले संदेशों पर नजर रखेगा। उन्होंने कहा कि मतदान केन्द्रों में किसी चुनावकर्मी की तबीयत खराब होने पर उसे एयरलिफ्ट कराने के लिए हेलीकाप्टर का इंतजाम किया जाएगा और कैशलेस इलाज की व्यवस्था होगी।

चुनाव से पहले 108 करोड़ रुपए की नकदी जब्त : चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त निगरानी टीमों ने 108 करोड़ रुपए की नकदी के साथ मादक पदार्थ और 45 करोड़ रुपए मूल्य की शराब जब्त की, जिसका उपयोग उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में कथित तौर पर वोट खरीदने के लिए किया जाना था।
 
हालिया आंकड़ों के मुताबिक प्रवर्तन एजेंसियों ने अब तक 108.59 करोड़ रुपए की नकदी, 45.15 करोड़ रुपए मूल्य के 16.60 लाख लीटर शराब और 8.86 करोड़ रुपए मूल्य के 2,823 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किया है। चुनाव के दौरान ये एजेंसियां चुनाव आयोग की प्रत्यक्ष निगरानी में कार्य करती हैं। आंकड़ों के मुताबिक अब तक 24.11 करोड़ रुपएमूल्य के बहुमूल्य धातु की जब्ती हुई है। (भाषा)

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