बेहतर सड़क और हवाई संपर्क : उन्होंने कहा कि परिषद का काम तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर ढांचागत सुविधाओं का निर्माण, सुदृढ़ीकरण और रखरखाव करना तथा मंदिरों तक उनकी यात्रा को अधिक आरामदायक, आसान, सुरक्षित और सुखद बनाना होगा। बघौली ने कहा कि परिषद के लिए अलग से बजटीय प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में अब बेहतर सड़क और हवाई संपर्क उपलब्ध होने से हर साल अधिक से अधिक श्रद्धालु राज्य में आ रहे हैं।
बघौली ने कहा हाल के वर्षों में चार धाम यात्रा, नंदा देवी राज जात यात्रा, पूर्णागिरि यात्रा और आदि कैलाश यात्रा के लिए राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इसलिए इनके प्रबंधन और व्यवस्थित संचालन के लिए एक अलग इकाई-उत्तराखंड धर्मस्व और तीर्थाटन परिषद बनाने का निर्णय लिया गया।
महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजना : पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे के तीव्र विकास के लिए राज्य निकाय का गठन तथा एकल महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजना लागू करना कैबिनेट द्वारा लिए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय थे। मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का उद्देश्य निराश्रित, परित्यक्त या विधवा महिलाओं को उनके गांव या उनके निवास क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराना तथा उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हुए उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना तथा उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाना है।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में कैबिनेट ने उत्तराखंड पोल्ट्री विकास नीति-2025 को मंजूरी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में प्रति वर्ष 15,444 लाख अंडों तथा 395 लाख किलोग्राम पोल्ट्री मीट की कमी है, जिसे देखते हुए राज्य में निवेश को बढ़ावा देने तथा कुक्कुट क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस नीति को मंजूरी दी गई है। (एजेंसी/वेबदुनिया)