उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 4 अगस्त को राज्य में मुख्यमंत्री की शपथ लिए एक महीना हो गया है। इस दौरान उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जिनके पूर्ण किए जाने को लेकर उनके विरोधी प्रश्न भी उठा रहे हैं तो कुछ फैसलों को साहसिक भी कहा जा रहा है। धामी ने राज्य की नौकरशाही के 'बरगद' को हिला डाला है। राज्य के पर्यटन को ढर्रे पर लाने और तीर्थाटन के ठप पड़े कारोबार को गति देने के लिए राहत पैकेज भी उन्होंने घोषित कर इन व्यवसायों से जुड़े लोगों के घावों पर मरहम रखने का काम किया है। कार्यकाल का एक माह पूरा होने के अवसर पर वेबदुनिया ने सीएम धामी से कई मुद्दों पर बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
वेबदुनिया : आप ऐसे वक्त में मुख्यमंत्री बने कैसे जबकि इस पद के लिए कई दावेदार रेस में थे?
मुख्यमंत्री : ये तो मेरी पार्टी की सोच का ही परिणाम है कि जिसने पिथौरागढ़ जैसे सीमांत क्षेत्र के एक ग्रामीण क्षेत्र के सैनिक के बेटे को यह सम्मान दिया, एक नौजवान पर भरोसा किया। ऐसा केवल भाजपा जैसी लोकतांत्रिक पार्टी में ही संभव है। एक गरीब और दूरस्थ क्षेत्र के सैनिक के बेटे को दिए इस सम्मान से राज्य का आम नागरिक स्वयं का सम्मानित महसूस करने लगा है। जहां तक भारी भरकम दावेदारों का सवाल है पार्टी में फैसले सभी की सहमति से ही लिए जाते हैं। ऐसे में सभी का आशीर्वाद पार्टी द्वारा बनाए गए चेहरे के साथ ही होता है।
वेबदुनिया : राज्य में ब्यूरोक्रेसी को आपने एक महीने में पूरी तरह फेंट दिया, इससे कोई दिक्कत तो नहीं होगी?
मुख्यमंत्री : ऐसा अफसरशाही को जवाबदेह और जिम्मेदार बनाने के लिए किया गया है। जो किसी विभाग विशेष में सालों से जमे थे उनको दूसरी जगह मौका दिया गया है। हम अफसरों के खिलाफ नहीं हैं बल्कि उनको अपना ही मानते हैं। उनके काम से राज्य में बेस्ट रिजल्ट चाहते हैं।
वेबदुनिया : प्रचंड बहुमत में आने के बाद से भाजपा पर आंदोलनों की उपेक्षा करने के आरोप लगते रहे हैं क्या इसे वाजिब मानते हैं आप?
मुख्यमंत्री : चार सालों में सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। सरकार चाहे पहले की हो या फिर अबकी, हमने तय किया है कि कोरी घोषणाओं से बचा जाए। अगर घोषणा करके उसका शिलान्यास कर रहे हैं तो उसका लोकार्पण भी करें। पहले केवल घोषणाएं ही होती थीं। इसी से ऐसे आंदोलन जन्म लेते थे। ऐसा अब नहीं होता, न ही आगे होगा।
वेबदुनिया : राज्य में निर्माणाधीन आल वेदर रोड मानसून में कई गांवों के लिए त्रासदी का शबब बन रही है। कहीं डम्पिंग जोन के चलते ग्रामीण परेशान हैं तो कहीं जहां-तहां रोड की की गई कटिंग मानसून में पहाड़ियां दरकने का कारण बन गई हैं?
मुख्यमंत्री : विकास और रोडों के बनने का ऐसा काम उत्तराखंड तो क्या देश के किसी कोने में आज तक के इतिहास में कभी नहीं हुआ, जैसा मोदी जी के सरकार में आने के बाद हुआ। जहां तक परियोजना के निर्माण में लगी कंपनियों या ठेकेदारों की किसी लापरवाही के चलते अगर ऐसी शिकायतें होंगी तो उनको हम दूर करेंगे ताकि पहाड़ या गांव के लोग किसी तरह प्रभावित न हों।
वेबदुनिया : प्रचंड बहुमत के बाद भी भाजपा को चार साल में तीन मख्यमंत्री बदलने पड़े, आप अपने दो पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों में से किसके कार्यकाल को श्रेष्ठ कहेंगे?
मुख्यमंत्री : सभी पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों ने बहुत शानदार काम किया है। मैं भी उन्हीं के कामों को आगे बढा रहा हूं। जहां तक परिवर्तन का सवाल है ये परिवर्तन देश काल की परिस्थितियों के अनुसार हुए हैं। इससे यह कहना कि किसी के काम में कोई कमी थी, ऐसा सच नहीं है। पिछले दो पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों द्वारा किए गए सारे काम विशेष हैं। उनको लेकर ही हम आगे भी अपनी कार्यशैली बनाए रखेंगे। सरकार तो वही है मात्र चेहरा बदला गया है।
वेबदुनिया : अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र और तीरथ के कामों में से किसके काम पर आप प्रभावित हैं, किसे आप अपना आदर्श मानेंगे?
मुख्यमंत्री : दोनों ने ही अपने कार्यकाल में अच्छा काम किया, जन अपेक्षाओं को ध्यान में रखा। उन्हीं के काम को आगे बढ़ाया जा रहा है। दोनों मेरे बड़े हैं। दोनों के साथ मेरे संबंध बड़े भाई जैसे ही हैं।
वेबदुनिया : पिछले चार साल में सरकार में सुनवाई न होने से जब लोग इस सरकारी रवैये के खिलाफ कोर्ट से आदेश लाए और मजबूरन हाईकोर्ट के दबाव से सरकार को काम करना पड़ा। सरकार ने उसका श्रेय लेने के लिए पूरा प्रयास किया, क्या यह ट्रेंड बदलेंगे?
मुख्यमंत्री : ऐसी बात नहीं कि सरकार ने किसी को अनसुना किया हो। अगर ऐसा करना कहीं संज्ञान में आएगा तो हम उसका हल निकालने की कोशिश करेंगे। सरकार संवेदनशीलता से काम करेगी। बातचीत से हर समस्या हल खोजेंगे। बेवजह किसी को कोर्ट ना जाना पड़े इसका ध्यान रखा जाएगा।
वेबदुनिया : आपको शपथ के एक महीने बाद राज्य की प्राथमिकताएं क्या दिखाई देती हैं?
मुख्यमंत्री : बेरोजगारी, पलायन, स्वरोजगार के क्षेत्र में काम करना राज्य की प्राथमिकता है। लोगों को रोजगार मिले इसके लिए हमने भर्तियां खोली हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हमने कदम उठाए हैं। चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हैं। जल्द इसके परिणाम सामने आएंगे।
वेबदुनिया : जिन रोजगारों और नई भर्तियों की बात आप कर रहे हैं, उनके संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने भी घोषणा की थी, लेकिन अब तक स्थिति जस की तस है। आप कैसे पूरा करेंगे इस घोषणा को?
मुख्यमंत्री : हमने इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। लोकसेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग सभी इस काम में लग गए हैं, जल्द परिणाम दिखेंगे। 15 अगस्त तक कई विभागों में भर्तियां निकल जाएंगी। स्वरोजगार को बढ़ावा देने का जो लक्ष्य रखा गया है उस पर भी अमल शुरू हो जाएगा। सभी योजनाओं के जरिए राज्य के अंतिम कतार में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने की हमारी कोशिश है।
वेबदुनिया : कोविड काल में जिस तरह काम-धंधों पर असर पड़ा है, उससे लोगों को उबारने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
मुख्यमंत्री : कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन और चारधाम यात्रा से जुड़े लोगों के लिए 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज देकर इसको उबारने के प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है इससे पर्यटन क्षेत्र को लाभ तो होगा ही, राज्य की अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी। इससे पर्यटन विभाग और अन्य विभागों में पंजीकृत पर्यटन गतिविधियों से जुड़े व्यवसायियों को 2000 रुपए प्रतिमाह की दर से 6 माह तक आर्थिक सहायता मिलेगी। इससे 50 हजार लोगों को फायदा होगा।
पंजीकृत टुअर ऑपरेटरों एवं एडवेंचर टुअर ऑपरेटरों को 10 हजार रुपए की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी। इससे 655 लोगों को लाभ मिलेगा। 630 रिवर गाइड्स को भी 10 हजार रुपए की दर से आर्थिक सहायता मिलेगी। पर्यटन विभाग में पंजीकृत व्यवसायियों को लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क में भी छूट प्रदान की जाएगी, जिससे 600 लोग लाभान्वित होंगे। 301 पंजीकृत राफ्टिंग और एयरों स्पोर्ट्स सेवा प्रदाताओं व टिहरी झील के 98 बोट संचालकों को भी लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क में छूट मिलेगी।
वेबदुनिया : अन्य वंचित क्षेत्रों के लिए क्या योजना है?
मुख्यमंत्री : माताओं और बेटियों को 'महालक्ष्मी' सुरक्षा कवच दिया जा रहा है। प्रसव के बाद माता व कन्या शिशु के पोषण, अतिरिक्त देखभाल और लैंगिक असमानता दूर करने के लिए इस योजना के तहत चयनित लाभार्थी माताओं व नवजात बेटियों को महालक्ष्मी किट दिए जा रहे हैं। किट में माताओं के लिए 250 ग्राम बादाम गिरी, अखरोट, सूखे खुबानी, 500 ग्राम छुआरा, दो जोड़ी जुराब (मौजे), स्कार्फ, दो तौलिए, शाल, कंबल, बेडशीट, दो पैकेट सेनेटरी नैपकिन, 500 ग्राम सरसों तेल, साबुन, नेलकटर आदि सामग्री शामिल है।
बालिकाओं की किट में दो जोड़ी सूती व गर्म कपड़े, टोपी, मौजे, 12 लंगोट, तौलिया, बेबी सोप, रबर शीट, गर्म कंबल, टीकाकरण कार्ड, पोषाहार कार्ड आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से पहले चरण में 1062 बच्चे लाभान्वित हुए हैं, जबकि 2347 बालक/बालिका चिन्हित किए गए हैं। चिन्हित बच्चों के बैंक खातों में 3-3 हजार रुपए की सहायता राशि ट्रांसफर हो रही है। इसके साथ ही इन्हें निशुल्क राशन, निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी की जा रही है। हेल्थ सेक्टर और हेल्थ सेक्टर में काम कर रहे कोरोना योद्धाओं के लिए भी सरकार ने 205 करोड़ रुपए का पैकेज दिया है।