यह निर्णय बोर्ड की नई दिल्ली में आयोजित 58वीं बैठक में किया गया। उन्होंने एक मास्टर प्लान तैयार करने की जरूरत पर बल दिया ताकि पर्याप्त रूप दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में उन आधारभूत सुविधाओं के उस पैमाने एवं क्षमता का पता लगाया जा सके जो श्रद्धालुओं को मुहैया कराने की जरूरत है।