जम्मू। जबकि जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते खतरे ने लोगों को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया है, बावजूद इसके वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं को यात्रा में शामिल होने को आमंत्रित कर खतरा मोल ले रहा है।
हालांकि अब प्रशासन ने कश्मीर में सभी बागों, पार्कों और उद्यानों को भी बेमियादी समय के लिए बंद कर ट्यूलिप फेस्टिवल को भी टाल दिया है। सबसे अधिक हैरानगी वाली बात यह है कि प्रशासन ने रेस्तरां, ढाबे और खाने-पीने की सभी दुकानों को बंद करवा दिया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि वैष्णोदेवी आने वाले खाएंगे क्या? फिलहाल इसके प्रति श्राइन बोर्ड के अधिकारी कुछ नहीं बोलते हैं।
वे सिर्फ इतना कहते थे कि वैष्णोदेवी की प्राचीन गुफा का प्रांगण, जिसे अटका स्थल कहा जाता है, वहां सुबह व शाम मां वैष्णोदेवी की आरती का आयोजन हो रहा है। इस पवित्र स्थल की दिन में 5 से 6 बार निरंतर सफाई की जा रही है और पूरी तरह सैनिटाइज किया जा रहा है।
सुबह-शाम इस पवित्र स्थान पर आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को श्राइन बोर्ड द्वारा सैनिटाइजर उपलब्ध करवाया जा रहा है। उनके दावेनुसार श्राइन बोर्ड के सभी प्रतिष्ठानों, जो वैष्णोदेवी भवन, अर्द्ध कुंआरी, भैरो घाटी, हिमकोटि या फिर आधार शिविर कटरा में स्थापित हैं, की सफाई भी निरंतर जारी है।
इसके साथ ही इन सभी इमारतों में रहने वाले श्रद्धालुओं को पूरी तरह से साफ-सुथरे कंबल, चद्दरें या फिर अन्य चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं। वैष्णोदेवी के भवन के साथ ही सभी मार्गों पर चौबीसों घंटे सफाई कर्मचारी निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और सफाई का विशेष ध्यान रख रहे हैं।
हालांकि जम्मू नगर निगम के अधीन छोटे-बड़े 300 जबकि कटरा में 600 से अधिक होटल हैं। कुछ दिनों में चैत्र नवरात्र शुरू होने वाला है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। हर साल इन दिनों जम्मू व कटरा में होटल पर्यटकों से भरे रहते हैं। पटनीटॉप व अन्य पर्यटन स्थलों में भी यही स्थिति होती है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद सामान्य हो रहे हालात के बीच माता वैष्णोदेवी के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे थे। कई पर्यटकों ने जम्मू के होटलों में एडवांस बुकिंग करवाई हुई थी, लेकिन कोरोना का असर इस उद्योग पर सबसे अधिक दिखने लगा है। जम्मू होटल एसोसिएशन के प्रधान पवन कुमार का कहना है कि एडवाइजरी जारी होने के बाद होटल खाली होते जा रहे हैं। बड़ी संख्या में बुकिंग रद्द हो रही हैं।
जम्मू और कटरा के होटलों में 50 हजार से अधिक लोगों के ठहरने की व्यवस्था है, मगर होटलों को लेकर प्रशासन ने जैसे ही एडवाइजरी जारी की, लोगों ने होटल खाली करना शुरू कर दिया। होटल मालिकों का कहना है कि जब कहीं पर कुछ खाने को ही नहीं मिलेगा तो कोई क्यों आएगा? इस बार कोरोना के कारण होटल उद्योग को करोड़ों का नुकसान होगा।
अब प्रशासन ने ट्यूलिप फेस्टिवल को भी रद्द कर दिया है। उसने पार्कों में आना-जाना भी प्रतिबंधित कर दिया है। एक खबर के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में दुकानों को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खोलने का निर्देश भी दिया गया है लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई थी।