वसुंधरा के बेटे ने सरकारी जमीन पर लिया मुआवजा

मंगलवार, 30 जून 2015 (14:36 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को अपने इस दावे को सही करार दिया कि धौलपुर महल सरकारी संपत्ति है और आरोप लगाया कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत  सिंह ने इस महल से लगी सरकारी जमीन के एक हिस्से के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से दो करोड़ रुपए का मुआवजा लेकर धोखाधड़ी की।
 
ललित प्रकरण में वसुंधरा के इस्तीफे की मांग को लेकर अभियान चला रही कांग्रेस ने धौलपुर महल तथा उससे लगी जमीन के सरकारी संपत्ति होने का दावा करते हुए इस संबंध में आज भी कुछ दस्तावेज संवाददाता सम्मेलन में जारी किए।
 
पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने सोमवार को भी इस संबंध में कुछ दस्तावेज जारी किए थे।
 
रमेश ने कहा कि भाजपा नेताओं ने कल जयपुर में संवाददाता सम्मेलन में गलत जानकारी दी कि धौलपुर महल सरकारी संपत्ति नहीं और उसका स्वामित्व दुष्यंत सिंह के पास है। उन्होंने कहा कि महल और उससे जुड़ी जमीन सरकार की ही संपत्ति है।
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि दुष्यंत सिंह और उनके पिता हेमंत सिंह के बीच महल के भीतर की सचल संपत्ति तथा विन्टेज कार को लेकर समझौता हुआ था, अचल संपत्ति के बारे में नहीं।
 
उन्होंने इस संबंध में भरतपुर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के 2007 के एक निर्णय का उल्लेख किया और उससे संबंधित दस्तावेज भी जारी किया।
 
रमेश ने यह आरोप दोहराया कि वसुंधरा राजे ने आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के साथ मिलकर सरकारी सम्पत्ति धौलपुर महल पर गैरकानूनी रूप से जबरन कब्जा कर उसे लक्जरी होटल में बदला और अब इन दोनों के स्वामित्व वाली कम्पनी इसे चला रही है। महल को लक्जरी होटल में बदलने के लिए सौ करोड़ रुपए का निवेश किया गया और यह पैसा मॉरीशस से आया। 
 
उन्होंने कहा कि दुष्यंत सिंह ने महल से लगी सरकारी जमीन का दो करोड़ रुपए मुआवजा लिया, जो पूरी तरह गैरकानूनी है और बड़ी धोखाधड़ी है। (वार्ता) 

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