Supriya Sule: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने पुणे में मंगलवार को मणिपुर में हिंसा (Manipur violence) पर चिंता व्यक्त की और आश्चर्य जताया कि पूर्वोत्तर राज्य के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है, जबकि यह देश का अभिन्न अंग है। यहां पत्रकारों से बातचीत में बारामती के सांसद ने कहा कि जम्मू में आतंकवादी हमला उस समय हुआ, जब नरेन्द्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
भागवत की टिप्पणी के बारे में पूछा गया था : सुले से जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया कि पूर्वोत्तर राज्य में 1 साल बाद भी शांति नहीं आ पाई है तो उन्होंने कहा कि हम मणिपुर के मुद्दे पर सरकार से महीनों से सवाल पूछ रहे हैं। मणिपुर की स्थिति पर संसद में काफी चर्चा हुई। मणिपुर देश का अभिन्न अंग है। वहां के लोग, महिलाएं, बच्चे सभी भारतीय हैं।
भागवत ने सोमवार को कहा था कि संघर्षग्रस्त राज्य की स्थिति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में मुख्यमंत्री के काफिले पर भी हमला हुआ। इससे पता चलता है कि कहीं न कहीं कुछ गलत हो रहा है। मणिपुर के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला जाता जबकि हमने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी। 'इंडिया' गठबंधन के नेता राज्य में गए लेकिन हमें रोक दिया गया। मणिपुर भारत का अभिन्न अंग है और उसके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है?
सुले ने कहा कि दोबारा निर्वाचित सांसद के रूप में संसद में बेरोजगारी का मुद्दा उठाना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने दोहराया कि हिंजवाडी स्थित राजीव गांधी इन्फोटेक पार्क से कंपनियों के जाने का मुद्दा चिंताजनक है। मराठा चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार से अनुरोध किया है कि वे एक बैठक बुलाएं और कंपनियों से महाराष्ट्र न छोड़ने का आग्रह करें। राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता ने कहा कि आईटी पार्क में 6 लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं और अगर कंपनियां यहां से जा रही हैं तो यह चिंताजनक है।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी, 2024 को लेकर उठे विवाद के बारे में सुले ने सवाल किया कि केंद्र सरकार बाहरी एजेंसियों से परीक्षा क्यों करा रही है? उन्होंने कहा कि इतनी सारी परीक्षाओं की क्या जरूरत है? अगर आप मुझसे पूछें तो जब 'इंडिया' सरकार सत्ता में आएगी तो मेरी पहली मांग इन परीक्षाओं को रोकने की होगी। छात्र परीक्षा देकर ही थक जाते हैं। उन्हें बहुमुखी प्रतिभावान और बहु-प्रतिभाशाली होना चाहिए। अगर छात्रों को फिर से नीट जैसी प्रवेश परीक्षा देनी पड़े तो बोर्ड परीक्षाओं का क्या महत्व है? इसके अलावा अनियमितता और घटिया प्रबंधन है और इसके लिए केंद्र जिम्मेदार है।
शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे को कैबिनेट में स्थान नहीं मिला: शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे द्वारा 7 लोकसभा सीटें जीतने के बावजूद उनकी पार्टी को कैबिनेट में स्थान नहीं मिलने पर निराशा व्यक्त करने के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा कि उनकी मांग उचित है, क्योंकि उन्होंने संसद में उनका प्रदर्शन देखा है और उन्हें संसद रत्न पुरस्कार भी मिला है। उन्होंने कहा कि बारणे को भाजपा के साथ कई वर्षों का अनुभव है और वे जानते हैं कि भाजपा सहयोगियों के साथ कैसा व्यवहार करती है?(भाषा)