बारामती के मंदिर में मिले सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार, एक-दूसरे को गले लगाया

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 9 मार्च 2024 (07:26 IST)
Maharashtra Politics : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र-पवार) की नेता एवं बारामती की सांसद सुप्रिया सुले की बारामती के एक मंदिर में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से शुक्रवार को मुलाकात हुई। दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया।

ALSO READ: कौन हैं सुनेत्रा, जो दे सकती हैं बारामती में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को चुनौती
सुले और सुनेत्रा का जलोची गांव के कमलेश्वर मंदिर में एक-दूसरे से आमना-सामना हुआ। सुप्रीया सुले राकांपा संस्थापक शरद पवार की बेटी और अजित की चचेरी बहन हैं।
 
सुनेत्रा पवार ने कहा कि मंदिर में प्रार्थना करने के बाद मेरी मुलाकात सुप्रिया ‘ताई’ (मराठी में बड़ी बहन) से हुई। हम दोनों ने महाशिवरात्रि और महिला दिवस के अवसर पर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया।
 

आपल्याकडील पुरुषप्रधान खुन्नसबाज राजकारणात महिला दिनी समोर आलेला हा @supriya_sule आणि #sunetrapawar व्हिडिओ. राजकारण सुसंस्कृत होण्यासाठी अधिकाधिक महिलांनी त्यात येण्याची गरज अधोरेखित करणारा व्हिडिओ. #WomensDay pic.twitter.com/BuKMYXcTZ2

— Amol Joshi (@iam_amoljoshi) March 8, 2024
ऐसी अटकलें हैं कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा सुनेत्रा पवार को बारामती लोकसभा क्षेत्र में सुले के खिलाफ मैदान में उतार सकती है।
 
सुनेत्रा के भाई पद्मसिंह पाटिल भी महाराष्‍ट्र में मंत्री रहे हैं। उनके भतीजे राणा जगजीत सिंह भी उस्मानाबाद से भाजपा विधायक है। सुनेत्रा और अजित के 2 बेटे पार्थ और जय हैं। पार्थ मावल से 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे।
 
अब तक राजनीति से दूर रही सुनेत्रा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय है। वे 2010 में स्थापित एक गैर सरकारी संगठन एनवायरमेंटल फोरम ऑफ इंडिया की संस्थापक हैं। वे प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान विद्धा प्रतिष्‍ठान की ट्रस्टी भी है।
 
बारामती लोकसभा सीट का इतिहास : बारामती लोकसभा सीट में पहला चुनाव 1957 में हुआ। 1957 से 1977 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जे में रहा। 1977 में भारतीय लोकदल के संभाजी राव काकड़े यहां से सांसद बने। 1980 और 1984 में शंकरराव पाटिल और शरद पवार ने यहां चुनाव जीता। 1985 में शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने तो ये सीट खाली हो गई। 1985 के उपचुनाव में जनता पार्टी के संभाजीराव काकाडे यहां से सांसद बने। 1989 में कांग्रेस से शंकरराव पाटील और फिर 1991 में अजीत पवार सांसद बने। इसके बाद से अब तक इस सीट पर पवार परिवार का ही कब्जा रहा।
 
बारामती से पवार परिवार का रिश्‍ता : बारामती सीट को शरद पवार की सीट माना जाता है। वे 5 बार यहां से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इसके बाद सुप्रिया ने 2009 से लगातार तीन बार बारामती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। 2006 से 2009 तक वे राज्यसभा सदस्य थीं। 
 
सुप्रिया के पिता और दिग्गज नेता शरद पवार ने 1967, 1972, 1978, 1980, 1985 और 1990 में बारामती सीट से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीते थे और 1984, 1996, 1998, 1999 और 2004 में बारामती से लोकसभा चुनाव जीते थे।
 
अजित पवार भी 1991 में यहां से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। वे 1991 से 2019 तक 7 बार यहां से विधानसभा चुनाव भी जीत चुके हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पवारों की इस खानदानी सीट पर सुप्रिया चौथी बार जीतती है या सुनेत्रा पहली ही बार में अपनी ननद को चुनावी मैदान में पहली मात देती है।
Edited by : Nrapendra Gupta 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी