Kerala : स्कूलों में अब नहीं होंगे 'बैकबेंचर', इस फिल्म ने बदल दी सोच

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 12 जुलाई 2025 (17:44 IST)
Kerala schools News : दक्षिण केरल के कोल्लम जिले के वालकोम में रामविलासोम वोकेशनल हायर सेकंडरी स्कूल (RVHSS) मलयाली फिल्म से प्रेरणा लेकर शिक्षा नवाचार के लिए एक आदर्श के रूप में उभरा है और इसकी वजह कक्षाओं में छात्रों को बैठने की अनूठी व्यवस्था है जिसने अब ‘बैकबेंचर्स’ के विचार को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। प्राथमिक कक्षा में पढ़ने वाले प्रत्‍येक छात्र को समान ध्यान मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए बैठने की व्यवस्था को पुनः व्यवस्थित करके, आरवीएचएसएस ने प्रशंसा और अनुकरण दोनों प्राप्त किया है।
 
हाल ही में प्रदर्शित मलयालम फिल्म ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’ से प्रभावित होकर विद्यालय ने बच्चों के बैठने की एक अभिनव व्यवस्था लागू की है, जिसमें एक पंक्ति की सीटें कक्षा की चार दीवारों के साथ संरेखित की गई हैं, ताकि सभी लोग आगे की बेंचों पर बैठ सकें। केरल के आठ विद्यालयों ने पहले ही इस बैठने की व्यवस्था को अपना लिया है तथा पंजाब के एक स्कूल ने भी इस व्यवस्था को लागू किया है।
ALSO READ: केरल सरकार ने क्यों नहीं दी भारत माता के चित्र के इस्तेमाल की अनुमति?
फिल्म ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’ के निर्देशक विनेश विश्वनाथन ने बताया, मुझे खबर मिली कि पंजाब के एक स्कूल ने भी इसे अपना लिया है। प्रधानाचार्य ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म देखी। उन्होंने छात्रों को फिल्म दिखाई भी। मुझे खुशी है कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान मिला। उन्होंने कहा कि फिल्म में केवल एक दृश्य में इस व्यवस्था को दिखाया गया है, जिसे फिल्म में 7वीं कक्षा के एक छात्र द्वारा क्रियान्वित किया गया विचार बताया गया है।
 
विनेश ने कहा, पीछे बेंच पर बैठकर अपमानित होने के अनुभव से ही उन्हें यह विचार आया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि इसकी इतनी चर्चा होगी। उन्होंने कहा, यह हमारा विचार नहीं है, लेकिन जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम (डीपीईपी) के तहत कक्षाओं में बैठने की ऐसी व्यवस्था पहले से ही थी, लेकिन बीच में हम इसे भूल गए थे।
ALSO READ: केरल के कोच्चि में अवैध रूप से रह रहे 27 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार
आरवीएचएसएस का प्रबंधन केरल सरकार के मंत्री गणेश कुमार का परिवार करता है। गणेश ने ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’ का पूर्वावलोकन इसके रिलीज होने से एक वर्ष पहले देखा था और आरएमवीएचएसएस में प्राथमिक कक्षाओं में इसे शुरू करने की संभावना पर शिक्षकों के साथ चर्चा की थी।

आरएमवीएचएसएस के प्रधानाध्यापक सुनील पी शेखर ने बताया, गणेश कुमार ने हमसे और अपनी पत्नी (जो स्कूल का प्रबंधन करती हैं) से इस बारे में चर्चा की। हम भी एक कक्षा में इसे शुरू करने पर सहमत हो गए। हमें जो परिणाम मिले, वे बहुत सकारात्मक थे और हमने इसे सभी निम्न प्राथमिक कक्षाओं में शुरू किया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

वेबदुनिया पर पढ़ें