उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत आदित्यनाथ योग ने गोमती रिवर फ्रंट का दौरा कर वहां का निरिक्षण किया। यहां उन्होंने अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की और चेतावनी दी कि एक भी नाला गोमती में नहीं गिरना चाहिए। साथ ही उन्होंने रिवर फ्रंट के एक्सईएन को तलब करते हुए पूछा- बाकी बचे हुए पैसे कहां गए। इसके बाद चीफ इंजीनियर पीके सिंह से जानकारी ली। इस दौरान अधिकारी पसीना पोछते नजर आए। योगी के साथ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा सहित आधा दर्जन कैबिनेट मंत्री भी थे।
मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, आशुतोष टंडन, बृजेश पाठक तथा मुख्य सचिव राहुल भटनागर भी थे। गोमती रिवर फ्रंट पर मुख्यमंत्री के लिए बैठने के लिए एक पंडाल भी बनाया गया है। गोमती रिवर फ्रंट का निरीक्षण करने के लिए सीएम निर्धारित समय पर वीवीआइपी गेस्ट हाउस से निकले थे।
इस योजना के तहत गुजरात के अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर अखिलेश सरकार ने गोमती नदी के तट पर रिवर फ्रंट बनाने की योजना तैयार की थी। तीन हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर आधी रकम खर्च हो चुकी है। प्रथम चरण का काम लगभग पूरा है। 8.1 किमी लंबे रिवर फ्रंट को लंदन के टेम्स नदी की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है।
केंद्र से संबंधित अखिलेश सरकार की रिवर फ्रंट योजना 1513 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होनी है, लेकिन काम बहुत धीमा चल रहा है। इस परियोजना के तहत देश में पहली बार ईको-फ्रेंडली ग्रीन रिवर तैयार की जानी है। गोमती नदी रिवर फ्रंट का काम ईको फ्रेंडली ग्रीन थीम पर आधारित है। इसको लंडन की टेम्स नदी के आधार पर विकसित किया गया है। वहीं, आस्ट्रेलिया की तर्ज पर रिवर फ्रंट परियोजना में गोमती के किनारे पर स्टेडियम का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके अलावा गोमती के किनारे पर जॉगिंग और साइकिलिंग ट्रैक भी बनाए गए हैं। साथ ही लोग गोमती नदी में बोटिंग का मजा भी लिया जा सकेगा।