हिन्दू धर्म का अपमान करने वाले कट्टरपंथी विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए पटना के बाद चेन्नई में एकजुट हुए कुछ मुस्लिम संगठनों ने यहां प्रदर्शन करके केंद्र एवं महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की। ये सभी नाइक के खिलाफ जांच संविधान के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, संविधान के अनुच्छेद 25 को तोड़ा मरोड़ा नहीं जाए। साथ ही कहा कि नाइक के खिलाफ कार्रवाई इसकी भावना के खिलाफ है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अनुच्छेद 25 धर्म को मानने, इसका पालन करने और प्रचार करने का अधिकार देता है और उसका उल्लंघन नहीं करना चाहिए। कुछ महिलाएं हाथ में तख्तियां लिए हुई थीं जिस पर लिखा था, संविधान से खिलवाड़ करना बंद करो।'
गौरतलतब है कि जाकिर नाईक पर आरोप है कि उन्होंने वेदों के सूत्रों की गलत व्याख्या की और भगवान शिव एवं गणेश का अपमान किया। इसके अलावा उन्होंने वंदे मातरम, देशभक्ति और गैर मुस्लिमों के खिलाफ विवादास्पद बयान देकर भी समाज और धर्म में नफरत फैलाने का कार्य किया। वे चर्चा में तब आए जब बांग्लादेश के आतंकवादी उनके अनुयायी निकले। जाकिर पर आरोप है कि वे अपनी तकरीरों के माध्यम से मुस्लिमों को कट्टर बना रहे हैं और उन्हें आतंकवाद की ओर धकेल रहे हैं। जाकिर को वहाबी विचारधारा का पोषक माना जाता है।