उत्तर प्रदेश में शेरों को भैंस के मांस की नहीं होगी कमी: दारासिंह चौहान

Webdunia
शनिवार, 25 मार्च 2017 (09:47 IST)
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अवैध बूचडखानों के बंद होने से शेरों को भैंस के मांस की कमी नहीं होगी और वैध बूचडखानों से उनके लिए जरुरत के गोश्त की आपूर्ति हो रही है। प्रदेश के वनमंत्री दारा सिंह चौहान ने आज यहां नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान का औचक निरीक्षण किया और शेर तथा बाघों के बाडे का भ्रमण कर उनकी खुराक के बारे में जानकारी हासिल की।
        
इस मौके पर चिड़ियाघर के निदेशक अनुपम गुप्ता ने चौहान को बताया कि अवैध स्लाटर हाउस बन्द होने के बाद प्राणि उद्यान के मांसाहारी वन्य जीवों के लिए मांस की आपूर्ति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि यहां मांसहारी वन्य जीवों के लिए प्रतिदिन लगभग 220 किलो भैंस के मांस की जरूरत होती है। गत 22 मार्च और 23 मार्च को भैंस के मांस की उपलब्धता न होने के कारण मांसाहारी वन्य जीवों को उनकी पूर्ण खुराक के अनुरूप बकरे एवं मुर्गे का मांस दिया गया जिससे वन्य जीवों के भोजन के लिए कोई समस्या नहीं हुई। 
 
शुक्रवार से उन्नाव के वैध स्लाटर हाउस से भैंस के मांस की व्यवस्था हो गई है तथा जरूरत के अनुरूप भैंस के मांस की आपूर्ति प्राणि उद्यान में हो गई है। चौहान ने कानपुर प्राणि उद्यान एवं इटावा लॉयन सफारी में कितने मांस की जरूरत होती है और उसकी व्यवस्था के बारे में भी पूछा। 
      
गुप्ता ने बताया कि कानपुर प्राणि उद्यान में लगभग 150 किग्रा. भैंस के मांस की आवश्यकता प्रतिदिन होती है जिसे उन्नाव के वैध स्टालर हाउस से आज ही आपूर्ति ली जा रही है तथा इटावा लॉयन सफारी के लिए प्रतिदिन 80 किग्रा भैंस के मांस की आवश्यकता होती है जिसके लिए आगरा के स्लाटर हाउस से आपूर्ति की व्यवस्था हो गई है। 
इस प्रकार प्रदेश के तीनों लखनऊ प्राणि उद्यान, कानपुर प्राणि उद्यान एवं इटावा लॉयन सफारी में मांसाहारी वन्य जीवों के भोजन में भैंस के मांस की व्यवस्था सुचारू हो गई है तथा इसकी आपूर्ति मिलनी शुरू हो गई है और अब किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है।
      
वनमंत्री ने प्राणि उद्यान के टाइगर के बाड़े, चिम्पाजी के बाड़े, डियर लाइन सहित कई बाड़ों का निरीक्षण किया। उन्होंने जगह-जगह रूककर दर्शकों से बातचीत की। (वार्ता)
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