फ्रेंच पैरेंटिंग से बच्चों को बनाएं बेहतर

बच्चों की परवरिश का पुराना तरीका अभी भी बहुत कारगर है। निश्चित तौर पर नई पीढ़ी खुद में बदलाव लाने के प्रति जागरूक है। यही वजह है कि अब फ्रेंच पेरेंटिंग पर चर्चा की जाने लगी है। नए जमाने के माता-पिता पालक के तौर पर जिम्मेदारियों को लेकर उत्सुक हैं। वे हमेशा यह जानना चाहते हैं कि वह अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभा रहे हैं या नहीं ?
 
इंटरनेट पर जरा सी खोज करने पर आप पाएंगे कि फ्रेंच पेरेंटिंग, ब्लॉग्स, बातचीत, किताबों में हर कहीं चर्चा में आ चुकी है। हमारी भी यह कोशिश है कि आप संक्षेप में ही सही लेकिन यह जरूर जानें, कि आखिर फ्रेंच पेरेंट्स यानि फ्रेंच पालकों को अपनी परवरिश पर इतना नाज क्यों हैं। इसके अलावा आखि‍र उनका राज क्या है जिससे बच्चे डायनिंग टेबल पर भी काफी शांतिपूर्ण तरीके से काम लेते हैं।  इसके अलावा वे बाहर किसी रेस्तरां में भी हंगामा करते या सूप के बाउल पर झपटते नजर नहीं आते। 

फ्रेंच पैरेंटिंग के टिप्स.....अगले पेज पर ...

आगे हम बता रहे हैं, फ्रेंच पैरेंटिंग के वे अनमोल सूत्र, जो पैरेंटिंग यानि पालन को बेहद खास बनाने में मदद करते हैं, जानिए कौन से हैं वे सूत्र - 
1. बच्चों को शुरूआत से ही व्यवहार का सही तरीका सिखाना चाहिए। उन्हें बहुत कम उम्र से ही हेलो, गुडबाय, थैंक यू और प्लीज जैसे शब्द बोलना सिखाना चाहिए। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों में इन शब्दों का प्रयोग करने की आदत डालें।
 

 
2. आप अपने बच्चों को बहुत प्यार करते हैं। परंतु जब भी जरूरत हो, उन्हें आपके गुस्से का एहसास आंख के इशारे से ही हो जाना चाहिए। उन्हें आपके हावभाव से मालूम हो जाना चाहिए कि अब उन्हें अपनी हरकतों को रोकना हैं।

3. बच्चों को इंतजार करना आना चाहिए। बच्चों को पता होना चाहिए कि जिंदगी में चीजें तुरंत नहीं हो जाती। माता-पिता के तौर पर आपको किसी चीज के लिए मना करने की भी आदत होनी चाहिए। अपने बच्चे की हर मांग को पूरा करना उनके लिए सही नहीं है।
 
4. बच्चों को निराशा से जूझना भी आना चाहिए। ऐसा देखा गया है कि फ्रेंच बच्चे सारी रात आराम से सोना सीख जाते हैं, क्योंकि उनके माता-पिता हर छोटी बात पर या रात में उनके रोने पर तुंरत हाजिर नहीं होते।
प्रस्तुति : निवेदिता भारती 

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