यूरो सेक्स पार्टियों के बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे आप...

Webdunia
शुक्रवार, 10 जून 2016 (11:18 IST)
इन दिनों यूरोप में उन्मुक्त और स्वछंद पार्टियों का चलन अपने चरम पर है। सोशल मीडिया के आने से इन पार्टियों का चस्का युवाओं को लग चुका है। फेसबुक और ट्विटर पर पब्स और डिस्कोथेक की तर्ज पर इन सेक्स क्लबों के ढ़ेरो पेज ऑनलाइन है जो बाकायदा हर सप्ताहांत 24-24 घंटे की सेक्स पार्टियों का आयोजन करते हैं। जैसे मशहूर क्लबों और पब्स में सेलिब्रिटीज को आमंत्रित किया जाता है वैसे ही यहां पोर्न स्टार्स को बुलाया जाता है। 
 

इंटरनेट पर यूरो सेक्स क्लब के नाम से सर्च करने पर हजारों लिंक्स मिलती है जहां इन पार्टियों की लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाती है। यहां सेक्स, ड्र्ग्स, शराब के नशे में युवा बिना किसी शर्म अनजान लोगों से सेक्स करते है। यही इन क्लबों का मुख्य आकर्षण भी है। लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी कि ये सभी क्लब कुछ खास नियमों का पालन करते हैं। जैसे इनमें एंट्री सिर्फ आमंत्रितों को ही दी जाती है। 
यहां ग्रुप सेक्स आम बात है, कई बार किसी खास थीम पर पार्टी आयोजित की जाती है। इस पार्टी में एडल्ट फिल्मों के निर्माता भी होते हैं जिन्हे अपनी फिल्मों की सीन यहां मिलते हैं। कई बार तो स्टेज पर किसी पोर्न सेलिब्रिटी का लाइव पर्फॉर्मेंस भी रखा जाता है। इन पार्टियों को लोकप्रिय बनाने के लिए हैशटैग्स भी रचे जाते है।
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ऐसे ही एक मामले में स्‍पेन के बार्सिलोना में तो एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। 'सेक्‍स रुले' नामक इस ट्रेंड में युवा अपने आप को जोखिम में डाल रहे हैं। दरअसल, यहां होने वाली कुछ पार्टियों को 'सेक्‍स रुले' नाम से जाना जाता है और इसमें बड़ी संख्‍या में युवा असुरक्षित सेक्‍स संबंध बनाते हैं।
इन पार्टियों में शामिल होने वाले कई लड़के-लड़कियां एचआईवी एड्स जैसी गंभीर बीमारी से भी पीडि़त होते हैं। इस वजह से जब पार्टी में आने वाले अन्‍य युवा उनके साथ सेक्‍स करते हैं और वे भी एचआईवी के चपेट में आ जाते हैं। पिछले कुछ समय में स्‍पेन के बर्सिलोना में एचआईवी के कई मामले सामने आए हैं और ये मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
 
इसी संबंध में कराए गए एक सर्वे में चिंताजनक परिणाम निकलकर सामने आए हैं। सर्वे के अनुसार, 'सेक्‍स रुले' पार्टी में शामिल हो चुके 24 फीसद युवाओं ने माना है कि उन्‍हें इस बात से बिलकुल फर्क नहीं पड़ता है कि वे एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हैं। युवाओं का मानना है कि इस बीमारी का इलाज मौजूद होने की वजह से उनकी जिंदगी को कोई खतरा नहीं होने वाला है।
 
चिकित्‍सक के अनुसार इन सेक्‍स पार्टियों का मतलब है कि एचआईवी से जूझ रहे युवाओं के साथ संबंध बनाना। यहां युवा बिना किसी डर से संबंध बनाते हैं। उन्‍होंने कहा, 'हो सकता है कि युवाओं को इससे रोमांच मिलता हासिल होता हो लेकिन भविष्‍य के लिए यह बहुत बड़ा खतरा है। इससे लगातार एचआईवी के मामले बढ़ रहे हैं।'
 
यूरोप के बड़े शहरों में हो रही इन पार्टियों पर रोक लगाने के समर्थन में भी कई देशों के लोग सामने आए हैं। इन लोगों ने यूरोपियन देशों की सरकारों से गुजारिश की है कि जल्‍द से जल्‍द इस तरह की पार्टियों पर रोक लगाई जाए।