सबरीमाला अयप्पा मंदिर में महिलाओं को भी प्रवेश मिले

तिरुवनंतपुरम। केरल में भाजपा के एक शीर्ष नेता ने मशहूर सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र वर्ग  की महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करते हुए कहा कि भगवान अयप्पा महिलाओं से नफरत  नहीं करते और मासिक चक्र प्रकृति का नियम है और इसे पवित्र माना जाना चाहिए।


 
भाजपा के राज्य महासचिव के. सुरेन्द्रन ने फेसबुक पोस्ट में मंदिर के द्वार दर्शन के लिए पूरे  वर्षभर खुले रखने के सुझाव का समर्थन किया ताकि वार्षिक तीर्थयात्रा (नवंबर से जनवरी तक)  के दौरान भारी भीड़ कम हो।
 
46 वर्षीय नेता ने कहा कि भगवान अयप्पा नास्तिक ब्रह्मचारी हैं। इसका यह मतलब नहीं है  कि वे नारी विरोधी हैं। हमें यह तथ्य नहीं भूलना चाहिए कि भगवान अयप्पा ने देवी  मलिकापुरम को (सबरीमाला में) अपने बगल में स्थान दिया है। 
 
उन्होंने कहा कि क्या मासिक चक्र प्रकृति का नियम नहीं है? क्या इसी कारण मानव जाति का  अस्तित्व नहीं है? इसलिए मेरा मानना है कि हमें इसे पवित्र मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि  हिन्दू समुदाय ने हमेशा हर चीज को तार्किक दिखाना स्वीकार किया है।
 
उनका बयान ऐसे समय में आया है, जब राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों के बीच 10 से  50 वर्ष उम्र वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने पर गरमा-गरम बहस चल रही है।  मुख्यमंत्री पिनयारी विजयन द्वारा हाल में दिए गए सुझाव का त्रावणकोर देवाश्वम बोर्ड ने  खुलेआम विरोध किया कि मंदिर को पूरे वर्ष खुला रखा जाना चाहिए। (भाषा)

 

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