संत ने ली, प्रबंधकों की क्‍लास

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इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में संत श्री किरीट भाई ने प्रबंधकों को आध्‍यात्मिकता का ज्ञान दिया। उन्‍होंने कहा कि बुद्धि या संसाधनों के मामले में भारत पीछे नहीं है। भारत एकता के मामले में पीछे है।

यहाँ के नागरिक व्यक्तिगत तौर पर प्रगति कर रहे हैं, पर समूहों में एकता के साथ हमारी प्रगति नहीं के बराबर है। हमारा देश कमजोर नहीं है, बल्कि यहाँ के नागरिक, उनका नजरिया, प्रशासन और क्रियान्वयन कमजोर है।

वे 'ग्लोबलाइजेशन एंड इंडियन वैल्यूज' विषय पर संबोधित कर रहे थे। रवींद्र नाट्यगृह में हुए इस कार्यक्रम में श्री किरीटभाई ने अध्यात्म, वैश्वीकरण और भारतीय मूल्यों को लेकर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण का अर्थ आर्थिक समृद्धि नहीं है।

वैश्विक तौर पर अपनाए जाने वाले मानवता और भाईचारे के सिद्धांतों में इस शब्द के मायने निहित हैं। हम 'वसुधैव कुटुम्बकम' के अर्थ को मानते हैं, लेकिन वास्तव में हम आपस में ही बँटे हुए हैं।

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