व्रत-त्योहार

एक बार युधिष्ठिरजी भीष्मजी से बोले- हे पितामह! आपकी कृपा से मैंने धर्मशास्त्र सुने, परन्तु यमद्वितीय...
भगवान भोग के नहीं, भाव के भूखे हैं। भगवान शिवजी बिल्व पत्र से प्रसन्न होते हैं, गणपति दूर्वा को स्ने...
आचमनीय जल प्रदान करें- तोयेनाचमनं विधेहि शुचिना गांगेन मत्काल्पितं। साष्टागं प्रणिपतमंब, कमले दृष्टय...
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ ॐ जय... उमा, रमा, ब्रह...
महालक्ष्मी पूजनकर्ता स्नान करके कोरे अथवा धुले हुए शुद्ध वस्त्र पहनें, माथे पर तिलक लगाएँ और शुभ मुह...
एक बार यमराज ने अपने दूतों से प्रश्न किया- क्या प्राणियों के प्राण हरते समय तुम्हें किसी पर दया भी आ...
प्रचलित कथा के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन समुद्र मंथन से आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि अम...