श्राद्ध में कितनी बार जपें कौन से मंत्र

गुरुवार, 11 सितम्बर 2014 (09:43 IST)
हमारे धार्मिक कार्यों की पूर्णता बगैर मंत्र तथा स्रोतों के नहीं होती है। श्राद्ध में भी इनका विशेष महत्व है।



स्रोत कई हैं। दो का उल्लेख पर्याप्त होगा। पहला है पुरुष सूक्त तथा दूसरा है पितृ सूक्त। इनके उपलब्ध न होने पर निम्न मंत्रों के प्रयोग से कार्य की पूर्णता हो सकती है।
 
1. ॐ कुलदेवतायै नम: 21 बार
2. ॐ कुलदैव्यै नम: 21 बार
3. ॐ नागदेवतायै नम: 21 बार
4. ॐ पितृ दैवतायै नम: 108 बार
 
इनका प्रयोग कर पितरों को प्रसन्न कर समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। ब्राह्मण भोजन के लिए ब्राह्मण को बैठाकर पैर धोएं तथा भोजन करें। संकल्प पहले लें तथा ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें, वस्त्रादि दें।
 
यदि शक्ति सामर्थ्य हो तो गौ-भूमि दान दें। न हो तो भूमि गौ के लिए द्रव्य दें। इनका भी संकल्प होता है।

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