महाशिवरात्रि पर 44 घंटे होंगे भगवान महाकाल के दर्शन

महाशिवरात्रि पर देश-विदेश से आने वाले हजारों भक्तों को सतत् 44 घंटे राजाधिराज बाबा महाकाल के दर्शन होंगे। 17 फरवरी को तड़के 3 बजे मंदिर के पट खुलें, जो 44 घंटे बाद 18 फरवरी की रात 11 बजे बंद होंगे। इस दौरान भक्तों को भगवान के विभिन्न रूपों में दर्शन होंगे।
 

 

 
मंदिर प्रशासक जयंत जोशी के अनुसार भक्तों को जल्दी व सुविधापूर्वक दर्शन करवाने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। मंदिर के आसपास वीडियोवॉल व मेगा स्क्रीन पर भी भगवान के दर्शन होंगे। दर्शन की कतार को निरंतर चलाया जाएगा।
 
न्यू हॉल में इस प्रकार की व्यवस्था की गई है, कि श्रद्धालुओं को चलते हुए करीब 8 से 10 बार दर्शन हो सकेंगे। सभा मंडप में जल द्वार के यहां जल पात्र की व्यवस्था रहेगी। इसके द्वारा भक्त भगवान को जल-दूध भी अर्पित कर सकते हैं।
 
18 को दिन में भस्म आरती 
 
17 अगस्त की रात्रि में राजाधिराज की महापूजा होगी। इसके बाद सवामन फूल व फलों से भगवान के शीश पर सेहरा सजाया जाएगा। 18 फरवरी सुबह 6 से 11 बजे तक भक्तों को सेहरे के दर्शन होंगे। इसके बाद दोपहर 12 बजे वर्ष में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती होगी। द्दयोदक आरती में भगवान को भोग लगाया जाएगा। वर्ष भर सुबह 7.30 बजे होने वाली द्दयोदक आरती भी शिवरात्रि के अगले दिन दोपहर में होती है।

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