रामायण, महाभारत पुराण आदि में वर्णित राजा तथा इतिहास प्रसिद्ध प्रद्योत, नंद, चंद्रगुप्त, समुद्रगुप्त आदि अनेक राजा हैं, परंतु जो दिगन्तव्यापिनी कीर्ति और यश विक्रमादित्य को प्राप्त हुआ, वह यश अन्य किसी राजा को प्राप्त नहीं हुआ। प्राचीन भारतीय परंपरा के अनुसार विक्रमादित्य ऐतिहासिक व्यक्ति हैं, परंतु अनेक पाश्चात्य और भारतीय विद्वान भारतीय परंपरा को विश्वासयोग्य नहीं मानकर विक्रमादित्य का ऐतिहासिक अस्तित्व स्वीकार नहीं करते। उनके मतानुसार विक्रमादित्य किसी विशेष व्यक्ति का नाम न होकर विरुद मात्र था, जो चन्द्रगुप्त, शिलादित्य आदि ने धारण किया।