चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में महिलाओं के बारे में कई बातों को उल्लेख किया है। चाणक्य मानते हैं कि महिलाएं पुरुषों से हर मामले में ज्यादा शक्तिशाली होती है। महिलाओं को शक्ति और प्रकृति भी कहा गया है। महिलाएं अपनी शक्ति का दुरुपयोग न करें इसीलिए उन्हें धार्मिक होना जरूरी है, क्योंकि धर्म ही अच्छे और बुरे की समझ देता है। आओ जानते हैं कि महिलाएं किन मामलों में पुरुषों से ज्यादा शक्तिशाली हैं।
अर्थ : राजाओं का बल बाहुबल, शस्त्र और उसकी सेना, ब्राह्मण का बल ज्ञान और ब्रह्म विद्या है लेकिन महिलाओं का बल मधुर वाणी, रूप, शीलता और यौवन है।
अर्थात चाणक्य का मानान है कि पुरुषों में बाहुबल और शस्त्र उसकी शक्ति होती है। वह इसके बल पर दुनिया को जीत सकता है और शासन कर सकता है। इसी प्रकार ब्राह्मणों का बल उसका ज्ञान या विद्या होती है जिसके बल पर वह बड़े बड़े राजाओं को बनाता है और उन्हें उखाड़ भी फेंकता है। लेकिन महिलाओं का सौंदर्य, यौवन और उसकी मधुर वाणी ऐसी है कि कई राजा और ज्ञानी अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुके हैं। आम्रपाली जैसी महिलाएं इसका उदाहरण है।
अर्थ : स्त्री का आहार यानी भूख पुरुषों से दोगुनी होती हैं। शर्म यानी लज्जा चार गुना ज्यादा, साहस पुरुष से छ: गुना ज्यादा होता है। इसलिए ही स्त्रियों को शक्ति स्वरूप भी माना गया है। वहीं स्त्रियों में काम इच्छा भी पुरुषों से आठ गुना ज्यादा होती है।