बारह साल में बार होने वाला सिंहस्थ ईश्वर के दर्शन, पूजन, स्नान और यज्ञ आहुतियों के लिए भी विशेष समय माना जाता है। सिंहस्थ में हर तरफ यज्ञ आयोजित हो रहे हैं। आइए जानते हैं कि यज्ञ के कुंडों की क्या महत्ता है....
यज्ञ का आयोजन यज्ञ लौकिक और पारलौकिक दोनों ही प्रकार से सभी के लिए हितकारी है। यज्ञ से वर्षा होती है, वर्षा से अन्न पैदा होता है, जिससे संसार का जीवन चलता है। वायुमंडल में मंत्रों का प्रभाव पड़ता है जो प्राकृतिक घटनाएं जैसे- भूकंप, ओलावृष्टि, हिंसात्मक घटनाओं का शमन होता है, क्योंकि यज्ञ शब्दब्रह्म है।
* व्यापार में वृद्धि के लिए वृत्त कुंड करना लाभदाई होता है।
* मन की शांति के लिए अर्द्धचंद्र कुंड किया जाता है।
* लक्ष्मी प्राप्ति के लिए समअष्टास्त्र कुंड, विषम अष्टास्त्र कुंड, विषम षडास्त्र कुंड का विशेष महत्व होता है।