दुर्गा माता मंदिर, ग्राम गड़ियाघाट, पानी का दीया, जल की ज्योति, नलखेड़ा, कालीसिंध, चमत्कारिक मंदिर
कहते हैं कि यहां के पुजारी सिद्धूसिंह सोंधिया बचपन से माता की सेवा करते आ रहे हैं, लेकिन कुछ साल पहले मां उनके सपने में आईं और उन्होंने सोंधिया को दर्शन देकर कहा कि आज से पानी से दीए जलाना। इसके बाद दूसरे दिन जब सोंधिया ने मां के दीए में पानी डाला, तो वह दीया पहले की ही तरह जलता रहा। यह चमत्कार देखर वह भी अचम्भित हो गए। इस चमत्कार के बारे में कुछ ग्रामीणों ने भी पहले यकीन नहीं किया, लेकिन जब उन्होंने भी दीए में पानी डालकर ज्योत जलाई और ज्योति सामान्य रूप से जल गई, तो उसके बाद इस चमत्कार के बारे में पूरे गांव में चर्चा फैल गई।
बताया जाता है कि इस मंदिर के पास बहने वाली नदी कालीसिंध के पानी को लेकर इस दीए में डाला जाता है। यह क्रम लगातर तब तक चलता रहता है जब तक की वर्षा ऋतु नहीं आ जाती, क्योंकि हर साल यह मंदिर वर्षा ऋतु में कालीसिंध नदी में डूब जाता है।