भारत में प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में सबसे प्रथम स्थल है आनंदपुर साहिब का गुरुद्वारा। सिख धर्म के लोग में यह गुरुद्वारा जागृत है। मान्यता है कि इस गुरुद्वारे में मत्था टेकने वाले श्रद्धालुओं की मुराद पूरी होती है। यह गुरुद्वारा पंजाब के उत्तर-दक्षिण क्षेत्र में चंडीगढ़ से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सन् 1664 में श्री गुरु तेग बहादुर ने माक्होवाल के प्राचीन क्षेत्र में आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा बनवाया था। गुरु गोबिंद सिंह ने इस स्थल पर 25 साल आनंदपुर में व्यतीत किया है।
सन् 1936 -1944 में तख्त केसरगढ़ साहिब बनाया गया। स्थानीय लोगों का मानना है कि तख्त साहिब में प्राचीन शस्त्र पाए गए हैं। तख्त साहिब के वास्तुशिल्प में एक बड़ा भवन निर्मित किया है एवं इमारत के सामने एक खूबसूरत वाटिका है।
गुरुद्वारा के दर्शन करने भटिंडा से लेकर बर्मिंघम के निवासी इस स्थल के दर्शन करने आते हैं। मार्च के महीने में होला मोहल्ला एवं बैसाख के महीने में कई लोग इस त्योहार को मनाते हैं।
अप्रैल महीने में बैसाख का त्योहार धूमधाम एवं खुशियों से मनाया जाता है। होला मोहल्ला त्योहार दसवें गुरु गोबिंद सिंहजी ने मनाया है। हजारों श्रद्धालु यहाँ एकत्र होते हैं।
अप्रैल महीने में बैसाख का त्योहार धूमधाम एवं खुशियों से मनाया जाता है। होला मोहल्ला त्योहार दसवें गुरु गोबिंद सिंहजी ने मनाया है। हजारों श्रद्धालु यहाँ एकत्र होते हैं। रंगबिरंगे गुलाल के खेल में मन भाव विभोर हो जाता है।
सन् 1999 में मनाया गया बैसाख पर खालसा पंथ के 300 साल पूरे हुए। पंजाब के प्रसिद्ध नृत्य-संगीत से त्योहार का प्रारम्भ होता है।
अन्य प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल हैं
सेंट्रल किला श्री आनंदगढ़ साहिब, लोहगढ़ किला, होलगढ़ किला, फतेहगढ़ किला एवं तारागढ़ किला।
रेलः- दिल्ली-उना हिमाचल एक्प्रेस रेल है जोकि दिल्ली से सीधे आनंदपुर पहुँचती है। हावड़ा-कालका रेल एवं शताबदी एक्प्रेस से चंडीगढ़ पहुँच सकते हैं।
कई बस दिल्ली, चंडीगढ़ से लेकर आनंदपुर साहिब तक जाती हैं। जो बस हिमाचल प्रदेश के उना क्षेत्र तक जाती है वह बस आनंदपुर से गुजरती हैं।