यहां जानते हैं छठ पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में...
ब्रह्मवैवर्त पुराण में वर्णित छठ पूजा के संबंध में यह उल्लेख मिलता है कि इस पर्व पर छठी माता की पूजा की जाती है। इस व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार मनु स्वायम्भुव के पुत्र राजा प्रियव्रत को कोई संतान नहीं थी। महर्षि कश्यप ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया तब महारानी मालिनी को यज्ञाहुति के लिए बनाई गई खीर दी।
तब राजा ने पुत्र इच्छा से देवी षष्ठी का व्रत किया और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। यह पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को संपन्न हुई थी। देवी की इस कृपा से राजा बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने षष्ठी देवी की आराधना की। तभी से छठ पूजन का प्रचलन प्रारंभ हुआ। इसके अलावा भी छठ व्रत के संबंध में अनेक कथाएं प्रचलित हैं।
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