Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस के जुड़े कई सारे ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी आपको होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि संविधान की मूल प्रति किसने लिखी थी और यह आज कहां है? बहुत कम लोग जानते होंगे कि भारत का संविधान हाथों से लिखा गया है। इसे दिल्ली के रहने वाले प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने इटैलिक स्टाइल में खूबसूरत कैलिग्राफी में लिखा था। हस्तलिखित इस संविधान पर 24 जनवरी, 1950 को 284 संसद सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। हाथ से लिखी गई इस संविधान की मूल प्रति आज भी सुरक्षित है जिसे भारत की राजधानी नई दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में रखा गया है जिसे लोग देख सकते हैं। संविधान की मूल प्रति को संरक्षित रखने के लिए इसे विशेष रूप से तैयार हीलिअम गैस के चैंबर में रखा गया है। आइये गणतंत्र दिवस के मौके पर हम आपको बताते हैं इसके पीछे क्या है वजह।
संविधान की मूल प्रति की विशेषताएं
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हाथ से लिखा: संविधान की मूल प्रति को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखा था।
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इटैलिक स्टाइल: इसे इटैलिक स्टाइल में लिखा गया था।
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शानदार कलाकृति: संविधान की मूल प्रति में नंदलाल बोस और राममनोहर सिन्हा द्वारा बनाई गई खूबसूरत कलाकृतियां हैं।
संरक्षण का महत्व
संविधान भारत का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह हमारे देश के नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है। इसलिए, इसे सुरक्षित रखना बहुत महत्वपूर्ण है। हीलियम गैस से भरे चैंबर में रखकर, हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि आने वाली पीढ़ियां भी इस ऐतिहासिक दस्तावेज को देख सकेंगी।
संविधान की मूल प्रति को हीलियम गैस से भरे चैंबर में रखना एक वैज्ञानिक तरीका है, जिसके माध्यम से हम इस महत्वपूर्ण दस्तावेज को सुरक्षित रख सकते हैं। यह हमारे देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने का एक प्रयास है।