1. खुसरो पाती प्रेम की बिरला बांचे कोय!
वेद, कुरआन, पोथी पढ़े, प्रेम बिना का होय!!
2. खुसरो सरीर स...
मैं चाहता हूँ कि तुम यह एक बात जान लो
तुम जानती हो कि यह सब कैसे हुआ ...
मैं पूरा दिन शब्दों को सुनती हूँ
कोई कैद से भाग रहे हैं
कोई दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं
मैं पढ़ रही...
मैंने तुम्हारे प्रेम पत्र जला दिए सावनी!
मैं तुम्हारे नमक का कर्जदार रहूँगा।
मैंने सारी उम्र गलाकर
पत्तों से कुछ शिद्दत लेकर
शाखों से कुछ ख्वाब मँगाकर
थोड़े से दिन ढाले हैं .
निभाई है यहाँ हमने मोहब्बत भी सलीके से
, दिए जो रंज़ो-ग़म इसने, लगाए हमने सीने से ...
मैं तुम्हारा इंतजार करता हूँ
और तुम्हारे लिए
मेरे दिल में खिला फूल
मुरझा रहा है ...
मुझे पता है, चलने से पहले
रास्ते बड़े वीरान हैं
कुछ दूरी के हैं ये मेले
फिर पूरा सुनसान है।
सब तो अपने हैं
तू ही मेरा अपना नहीं,
दुनिया देखती है सपने
मेरा कोई सपना नहीं ...
रोज सिंदूरी शाम की
सुकोमल हवा
यादों की एक
प्रेम-मंजूषा
मेरी मन-चौखट पर ...
भीड़ में कुछ तनहा सी
अपलक कुछ देखती हूँ
रेत को मुठ्ठी में भर
थामें रखने की चेष्टा कर ...
जब से मैंने वो हँसी सा पैकर देखा है,
झूमता गाता हुआ हर मंज़र देखा है,
राह में मिलने वालों से लेते ...
मैंने आँखों में तुम्हारे प्यार का
काजल लगा रखा है
मुझे सिर्फ तुम ही तुम दिखती हो
तुम्हारी यादें
मुझे छोड़ती नहीं
जैसे मछली नहीं छोड़ती पानी
दिन भर झूलती रहती गले से
कभी ऐसी गायब कि ज्यों
बदली की रातों का चाँद
पकड़ के कभी मरोड़ देती उँगल
हमेशा दोस्ती में जान की बाजी लगाता हूँ
मगर मैं साथ देता हूँ फ़क़त खुद्दार रहने तक
, वो कायल है ज़...
उदासी भरी कोई कविता
मन के पन्नों पर बहती नहीं अब
उसकी एक मुस्कान ने जीवन बदल दिया है
उसकी यादों क
प्रेम बलिदान माँगता है और हम दे रहे हैं ...
कितनी बातें थी... कितनी यादें थीं...
मैं निशब्द हूँ और म...