कविता और प्यार के क्षण

- चंपा वैद

मैं पूरा दिन शब्दों को सुनती हूँ
कोई कैद से भाग रहे हैं

कोई दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं
मैं पढ़ रही होती हूँ कुछ कहानियाँ

प्यार के लिए मुझे उकसाती
असलियत भी तो यही है कि

कविता और प्यार हर क्षण
पैदा होने की प्रतीक्षा में रहते हैं।

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