मैंने उससे कहा रंग उसने मुझसे कहा तुम्हारी आँखें कितनी पीली हो गई हैं। मैंने उससे कहा वृक्ष ...
तुम्हारा नाम मेरे कुरते के पॉकेट पर अब जा उड़ा धोते वक्त असम में उस कुरते के रंग भीग-भीगकर लट-पटा ग
एक मेरे प्यार की तकदीर है, मैं खामोश ही रहता तो मेरा प्यार बदनाम न होता, किसी अपने के लिए मैं यूँ न...
तुम... किसी दूसरी जिंदगी का एहसास हो... कुछ पराये सपनों की खुशबू हो कोई पुरानी फरियाद हो
मैंने तुम्हारे प्रेम पत्र जला दिए सवानी! मैं तुम्हारे नमक का कर्जदार रहूँगा
उसके लिए किताब में छुपाकर रखा है लड़की ने एक प्रेम पत्र जिससे करती है प्रेम वो
अभी-अभी मिले हैं, पर जन्मों की बात लगती है हमारा रिश्ता ख्वाबों की बारात लगती है ...
बहुत सहेज कर रखे हैं अब भी वैसे ही हैं जैसे तुमने दिए थे लेकिन इसमें अंकित शब्द अतीत के हाथों, कु...
सोचता हूँ जिन लम्हों को हमने एक दूसरे के नाम किया है शायद वही जिंदगी थी।
नींद में एक मुख, ढका हुआ झीने वसन में, झीना। और उसके भीतर के सपनों की तहें।
'यूरेका! आखिर खोज ही लिया तुम्हें मैंने कैसी हो तुम?' इतना पूछकर, बहकने लगा था मैं पुरानी रौ में
जितना नूतन प्यार तुम्हारा, उतनी मेरी व्यथा पुरानी एक साथ कैसे निभ पाए, सूना द्वार और अगवानी
उस पर कविता लिखना अपनी खाल उधेड़ने जैसा लगता है खाल जो महज खोल रह गई है
जाने क्या होता इन प्यार भरी बातों में रिश्ते बन जाते हैं चंद मुलाकातों में मौसम कोई हो ...
भीगी चाँदनी में ओस की हर बूँद तुम्हारी याद लगती है जिसे छुआ नहीं जा सकता ...
सरकती है सिरहाने से धूप कि तुम जाती हो ये राह सिहरी-सी खड़ी देखती है तुम्हें कि तुम जाती हो
पर तुम आते और टूट जाता बाँध बह निकलता जिस तरह हूँ जैसा बुरा न मानना हमेशा के लिए मत रूठना ...
सब डरते हैं अँधेरी गुफाओं में सूखे नयनों से इक्कीसवीं सदी का जुमला है हँसी तो सब साथ देते हैं रोन...

मुहब्बत

शनिवार, 19 सितम्बर 2009
कहीं किसी घर में इक लड़की ऐसी है बरसों पहले जैसी थी वो अब भी बिल्कुल वैसी है