प्रेम-गीत

यूँ वक्त-बेवक्त तुम दस्तक दिल पर दिया न करो दीये उम्मीदों के जलाकर रातों में आवाज दिया न करो। यूँ तो...

सिर्फ एक बार करना याद

मंगलवार, 16 नवंबर 2010

काश, तुम आ जाते

मंगलवार, 2 नवंबर 2010

उजला उमंग भरा प्यार

मंगलवार, 2 नवंबर 2010
प्यार, प्रेम मोहब्बत कहने को कितने हैं शब्द और क्यों, महसूसने को कुछ भी नहीं।

यादों की कोमल तितली

शुक्रवार, 29 अक्टूबर 2010
बस, एक कोई बात तुम कहते हो यूँ ही और देर तक मेरे मन के आँगन में खेलती है तुम्हारी यादों की कोमल

प्यार तुम्हारा खुशबू बनकर

बुधवार, 27 अक्टूबर 2010

आँसुओं के पतझर में

बुधवार, 27 अक्टूबर 2010
यारों के घर देख लिए सारे मंज़र देख लिए, जो भी थे बुनियाद में शामिल वो भी पत्थर देख लिए ...
जब तोड़ा था मेरे लिए तुमने अपनी क्यारी से पीला फूल यहाँ मेरी जुल्फें लहराई थी।
तुम्हारा एक चुटकी प्यार दब रहा है एक मुट्ठी गुस्से के नीचे तुम्हारी एक पल की झलक धुँधला रही है ...
बीते दिन की कच्ची यादें चुभती है बन कर शूल, मत आना साथी लौटकर अब गई हूँ तुमको भूल।