प्रेम कविता : दुआ कीजिएगा...

मेरे प्यार की तुम,
दुआ कीजिएगा। 


 
मेरे आन की तुम, 
कदर कीजिएगा।।
 
मिले प्यार सच्चा, 
जमाने में सबको। 
करो शुक्रिया प्यार से, 
सारे रब को।।
 
मेरी लेखनी की, 
अदब कीजिएगा।
 
बड़े भाग्य से प्यार, 
होता नसीब है।
खोता मुकद्दर जो, 
वही बदनसीब है।।
 
मेरी जान की तुम, 
फिकर कीजिएगा।
 

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