तुम्हारा सुंदर तन
रिश्ते मांजते हुए, रह गया है एक पोंछा।
तुम्हें जब भी गुस्सा आता है
तुम पढ़ने लगती हो किस्से कहानियां और ग्रंथ।
जब तुम्हें रोना आता है तो
बगीचे में पौधों से बात करती हुई
पौंछ लेती हो पत्तियों से आंसू
प्रेम की परिभाषा को बदल दिया तुमने
कहते हैं प्रेम सिर्फ पीड़ा और प्रतीक्षा देता है।