दगाबाज तूने दाग लगाया,
मैं दाग छुपाए घूम रही हूं,
गली-गली तुम्हें ढूंढ रही हूं।
तेरे बिना अब रह नहीं पाती,
तेरे विरह में सूख रही हूं।
गली-गली तुम्हें ढूंढ रही हूं,
गली-गली तुम्हें ढूंढ रही हूं।
खुशी के मोती हमें खिला के,
सातों जनम का नाता जोड़ के,
तेरे चरणों को चूम रही हूं।
गली-गली तुम्हें ढूंढ रही हूं,
गली-गली तुम्हें ढूंढ रही हूं।