प्रेम गीत : तुम्हारी निगाहों से घायल हुआ हूं...

तुम्हारी निगाहों से घायल हुआ हूं, 
पलंग पर कहरता खुद ही पड़ा हूं।
 
 
रजामंद हो करके हमको उठा लो, 
तुम्हारे सहारे के खातिर अड़ा हूं।
 
तुम याद कर लो पुरानी वे बातें, 
छुप-छुप के मिलना, पहली मुलाकातें। 
 
आओगी दर पर यही लालसा है, 
एक पांव पर मैं कब से खड़ा हूं। 
 
तुम्हारी निगाहों से घायल हुआ हूं, 
पलंग पर कहरता खुद ही पड़ा हूं। 
 
रजामंद हो करके हमको उठा लो, 
तुम्हारे सहारे के खातिर अड़ा हूं।

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