जिंदगी-भर वो मेरे दिल में रहे

- उमाश्री

हुस्न खुशबू गुलाब उम्र हुई
फिर भी कितनी अजाब उम्र हुई

उनकी नजरों ने जब से दिल को छुआ
साँस मीना ,शराब उम्र हुई

जिंदगी-भर वो मेरे दिल में रहे
कैसे कह दूँ खराब उम्र हुई

इसने जागीर दिल की पाई है
क्यों ना समझूँ नवाब उम्र हुई

सामने भीड़ है सवालों की
देखिए लाजवाब उम्र हुई

आरजू पर शबाब आते ही
हर क़दम इन्कलाब उम्र हुई

शोख नजरों से उसने जब देखा
'उमा' की आब-आब उम्र हुई।

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