यूक्रेन संकट : सदी का सबसे तेज पलायन, 7 दिन में 10 लाख लोग बने रिफ्यूजी

गुरुवार, 3 मार्च 2022 (11:31 IST)
जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने गुरुवार को बताया कि 1 मार्च को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से 10 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर चले गए हैं। इस सदी में पहले कभी इतनी तेज गति से पलायन नहीं हुआ है।
 
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR) के आंकड़ों के अनुसार, पलायन करने वाले लोगों की संख्या यूक्रेन की आबादी के दो प्रतिशत से अधिक है। विश्व बैंक के अनुसार 2020 के अंत में यूक्रेन की आबादी चार करोड़, 40 लाख थी।
 

In the first several days since the start of the military offensive in Ukraine, hundreds of thousands of people have sought safety in Poland.

We’re supporting authorities on the ground, and provide information, legal assistance, relief supplies & more. https://t.co/Eve1DPeWcY pic.twitter.com/58H64qdCLd

— UNHCR, the UN Refugee Agency (@Refugees) March 2, 2022
एजेंसी का अनुमान है कि यूक्रेन से अंतत: 40 लाख लोग पलायन कर सकते हैं और यह संख्या अनुमान से भी अधिक हो सकती है।
 
यूएनएचसीआर की प्रवक्ता जोंग-आह घेदिनी-विलियम्स ने एक ईमेल में लिखा कि राष्ट्रीय अधिकारियों की गणना के अनुसार, हमारे आंकड़े बताते हैं कि मध्य यूरोप में हमने आधी रात में 10 लाख की संख्या पार कर ली।
 
संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांडी ने ट्वीट किया, हमने मात्र सात दिन में यूक्रेन से पड़ोसी देशों में 10 लाख लोगों का पलायन देखा है।
 

In just seven days we have witnessed the exodus of one million refugees from Ukraine to neighbouring countries.

For many millions more, inside Ukraine, it’s time for guns to fall silent, so that life-saving humanitarian assistance can be provided.

— Filippo Grandi (@FilippoGrandi) March 2, 2022
यूक्रेन छोड़कर जाने वाले इन लोगों में समाज के अधिकतर कमजोर वर्ग के लोग शामिल हैं, जो पलायन को लेकर स्वयं फैसला करने में सक्षम नहीं हैं और उनकी यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए उन्हें सहायता की आवश्यकता है।
 
हंगरी के शहर जाहोनी में बुधवार को 200 से अधिक दिव्यांग यूक्रेनी पहुंचे, जो यूक्रेन की राजधानी कीव में दो आश्रय गृहों में रहते थे। शरणार्थियों में कई बच्चे शामिल हैं। इनमें कई ऐसे लोग शामिल हैं, जो मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम हैं और जिन्हें रूसी हमले के कारण आश्रय केंद्रों को छोड़कर देश से बाहर जाना पड़ा।
 
कीव में स्वयातोशिंकसी अनाथालय की निदेशक लारिसा लियोनिदोवना ने कहा, 'वहां रहना सुरक्षित नहीं था। रॉकेट गिर रहे थे। वे कीव पर हमला कर रहे थे। हमने बमबारी के दौरान कई घंटे से अधिक समय भूमिगत स्थल में बिताया।'
 
शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, यूक्रेन से आधे से अधिक शरणार्थी यानी लगभग 5,05,000 लोग पोलैंड गए हैं, 1,16,300 से अधिक लोगों ने हंगरी में प्रवेश किया है और 79,300 से अधिक लोगों ने मोल्दोवा में प्रवेश किया है। इनके अलावा 71,000 लोग स्लोवाकिया गए हैं और करीब 69,600 लोग अन्य यूरोपीय देशों में चले गए हैं। (भाषा)
 

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