दरअसल, भारतीय धर्म और संस्कृति में भगवान गणेशजी सर्वप्रथम पूजनीय और प्रार्थनीय हैं। उनकी पूजा के बगैर कोई भी मंगल कार्य शुरू नहीं होता। कोई उनकी पूजा के बगैर कार्य शुरू कर देता है तो किसी न किसी प्रकार के विघ्न आते ही हैं। सभी धर्मों में गणेश की किसी न किसी रूप में पूजा या उनका आह्वान किया ही जाता है। गणेशजी की पूर्ति या चित्र के आसपास रिद्धि सिद्धि और शुभ लाभ क्यों लिखा जाता है यह कई लोग जानते होंगे।