सनातन हिन्दू धर्म में देव उपासना, शास्त्र वचन, मांगलिक कार्य, ग्रंथ पाठ या भजन-कीर्तन के दौरान ॐ का उच्चारण करना जरूरी होता है। इसका उच्चारण कई बार किया जाता है। ॐ की ध्वनि तीन अक्षरों से मिलकर बनी है- अ, उ और म। ये मूल ध्वनियां हैं, जो हमारे चारों तरफ हर समय उच्चारित होती रहती हैं। ओम को अनहद नाद भी कहते हैं और इसे प्रणव भी कहा जाता है।