हमारे पितृ या पूर्वज कई प्रकार के होते हैं। उनमें से बहुतों ने तो दूसरा जन्म ले लिया और बहुतों ने पितृलोक में स्थान प्राप्त कर लिया है। पितृलोक में स्थान प्राप्त करने वाले हर वर्ष श्राद्ध पक्ष में अपने वंशजों को देखने आते हैं और उस वक्त वे उन्हें आशीर्वाद देते या श्राप देकर चले जाते हैं। आओ जानते हैं कि पितृ प्रसन्न होते हैं तो क्या होता है।
1. प्रतिदिन पूजा-पाठ : यदि आप अपने घर में प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं, ज्योत जलाते हैं तो निश्चित ही आपके पितृ आप पर प्रसन्न होंगे। कहते हैं कि जहां भगवान की पूजा नहीं होती हैं, उन्हें भोग आदि नहीं लगता, वहां राक्षस निवास करते हैं।
2. घर में स्त्रियों का सम्मान : यदि आप अपने घर की बहन, बेटी, बहू या पत्नी का सम्मान करते हैं और उनकी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं तो निश्चित ही पितृ प्रसन्न होंगे। जिस घर में स्त्री के आंसू गिरते हैं, वहां सबकुछ नष्ट हो जाता है।
3. आज्ञाकारी संतान : यदि आपकी संतान आपका सम्मान करती है, आपकी आज्ञा मानती है और आप भी उसकी भावनाओं का ध्यान रखते हैं तो यह माना जाता है कि पितृ आप पर प्रसन्न हैं।
4. सपने में आशीर्वाद : यदि सपने में आपके पूर्वज आकर आपको आशीर्वाद दें या सपने में कोई सांप आपकी सुरक्षा करता हुआ नजर आए तो माना जाता है कि आपके पितृ आप पर प्रसन्न हैं।
5. किसी कार्य में नहीं हो बाधा : आपके किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न न हो और हर कार्य आसानी से बनते जाएं तो माना जाता है कि आपके पितृ आप पर प्रसन्न हैं।
अन्य लक्षण : घर की ज्योत अच्छे से ऊपर तक स्वत: ही जलना, श्राद्ध पक्ष में ही रुके हुए कार्य संपन्न होना या अचानक धन की प्राप्ति होना, घर के किसी मृत व्यक्ति को याद करते ही कार्य संपन्न हो जाना, सभी का सहयोग मिलना आदि।